
प्रयागराज (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला लिया है। अब कोर्ट में महत्वपूर्ण अर्जियों पर ही सुनवाई होगी। सूचीबद्ध मामले नहीं सुने जाएंगे। आम लोगों के कोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। 2019-20 की जमानत अर्जी, गैर जमानती वॉरंट के मामलों की सुनवाई होगी। इस दौरान कोर्ट कैंपस में सिर्फ वही मुवक्किल को प्रवेश पास मिलेगा, जिसकी पर्सनल अपीयरेंस का आर्डर होगा।
चार सदस्यीय समिति का गठन
कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर सुझाव के लिए मुख्य न्यायाधीश गोविंग माथुर ने न्यायमूर्ति बी के नारायण की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति में न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी, बार एसोसिएशन व एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सदस्य है, जो इस मामले की मानीटरिंग कर रही है।
बैठक में लिया गया ये निर्णय
समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। इसे मुख्य न्यायाधीश के अनुमोदन के लिए भेजा गया है। तय किया गया है कि आवश्यक मुकदमों व नये केसों की ही सुनवाई की जाए। 2019-20 की जमानत अर्जी, गैर जमानती वॉरंट के मामले की सुनवाई होगी। वादकारियों के प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाए। सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश की अनुमति होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि, फोटो एफिडेविट सेंटर खुला रहेगा।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।