गंगा स्वच्छता का आह्वान करते हुए संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि एक गणतंत्र के रूप में भारत ने बहुत कुछ अर्जित किया है और समय के साथ संसार में भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ी है। हमारा संविधान राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। गणतंत्र की समृद्ध परंपरा है। भारतीय संविधान अपने आप में अनूठा है। दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत का संविधान बहुत मजबूत है। संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है जिसमें हर मर्ज की दवा है।
वाराणसी: गणतंत्र दिवस की पर दशाश्वमेध घाट का गंगा तट हमारा संविधान सबका अभिमान के गगनभेदी उद्घोष से गूंज उठा। नमामि गंगे के सदस्यों ने संयोजक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में भारत माता, मां गंगा और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की आरती उतारी साथ ही लोगों को शपथ दिलाई कि हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
भारत माता की जय - वंदे मातरम के नारों से गूंजा दशाश्वमेध घाट
गंगा स्वच्छता का आह्वान करते हुए संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि एक गणतंत्र के रूप में भारत ने बहुत कुछ अर्जित किया है और समय के साथ संसार में भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ी है । हमारा संविधान राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है । गणतंत्र की समृद्ध परंपरा है । भारतीय संविधान अपने आप में अनूठा है । दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है । भारत का संविधान बहुत मजबूत है । संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है जिसमें हर मर्ज की दवा है।
भारत के संविधान में देश को विविधता के साथ एकता के सूत्र में जोड़े रखने की कुंजी है। हमें सकारात्मक भाव से लैस होकर आगे बढ़ना है तभी एक नए और सर्वांगीण विकास वाले भारत का उदय हो सकेगा। प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर सहसंयोजक शिवम अग्रहरी, महानगर सहसंयोजक रामप्रकाश जायसवाल, सारिका गुप्ता, रश्मि साहू, प्रीति रवि जायसवाल, रंजीता गुप्ता, कीर्तन बरनवाल, रेनू जायसवाल, प्रियंका गुप्ता, मंजू जायसवाल, तान्या जायसवाल, पंकज अग्रहरि आदि उपस्थित रहे।