अर्चना की जगह इशरत का कर दिया अंतिम संस्कार, सच पता चलते ही पुलिस ने किया राख पर कब्जा

मां के निधन की खबर मिलने पर अमेरिका में रह रहे अलीगंज निवासी शाहिद मिर्जा लखनऊ के लिए रवाना हो गए। 12 फरवरी को मुस्लिम परिवार इशरत का शव लेने जब सहारा अस्पताल पहुंचा तो उन्हें अर्चना का शव दिया गया। शाहिद मिर्जा ने मां का शव न होने पर लेने से इनकार कर दिया।

Ankur Shukla | Published : Feb 14, 2020 7:23 AM IST / Updated: Feb 14 2020, 02:03 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh)। सहारा अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से शव गृह में रखे हिंदू-मुस्लिम महिलाओं के शव की अदला-बदली हो गई। इसकी वजह से हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला की शव का अंतिम संस्कार कर दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब मां के निधन की खबर मिलने पर अमेरिका में रह रहे अलीगंज निवासी शाहिद मिर्जा लखनऊ स्थित अस्पताल पहुंचे। हालांकि सूचना मिलने पर पुलिस आनन-फानन में बैकुंठधाम भैसाकुंड घाट पहुंची। जहां राख को सुरक्षित रखवा दिया। अब मौलानाओं से राय ली जा रही है कि राख को शरीयत के हिसाब से कैसे सिपुर्द ए खाक किया जाए।

इस तरह बदला दोनों शव
अलीगंज की इशरत मिर्जा (72) और अर्चना गर्ग (78) कुछ दिनों से सहारा अस्पताल के न्यूरो आईसीयू में भर्ती थीं। 11 फरवरी को न्यूरो आईसीयू में दोनों महिलाओं की मौत हो गई। गर्ग परिवार ने 11 फरवरी को ही अर्चना समझकर इशरत का शव कब्जे में ले लिया। इसके बाद गर्ग परिवार ने अर्चना के धोखे में इशरत मिर्ज़ा का दाह संस्कार भी कर दिया और राख विसर्जित करने के लिए संगम जाने की तैयारी करने लगे।

ऐसे हुई जानकारी
दूसरी ओर मां के निधन की खबर मिलने पर अमेरिका में रह रहे अलीगंज निवासी शाहिद मिर्जा लखनऊ के लिए रवाना हो गए। 12 फरवरी को मुस्लिम परिवार इशरत का शव लेने जब सहारा अस्पताल पहुंचा तो उन्हें अर्चना का शव दे दिया गया। शाहिद मिर्जा ने मां का शव न होने पर उसे लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन के इस गड़बड़झाले की जानकारी हुई। पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत विभूतिखंड पुलिस से की। दोपहर में पुलिस के साथ सहारा अस्पताल की टीम 3/214 विवेक खंड में दिवंगत अर्चना गर्ग के आवास पहुंची तो वहां शांति हवन चल रहा था।

शांति हवन छोड़ अस्पताल पहुंचा हिंदू परिवार
अजीबोगरीब स्थिति होने पर शांति हवन बंद कराके परिवार के लोग भी सहारा अस्पताल पहुंचे तो देखा कि फ्रीजर में अर्चना गर्ग का शव रखा है। दोनों पक्षों ने अस्पताल के प्रति नाराजगी जताई। वही, शाहिद मिर्जा के परिजन अब मौलानाओं से राय ले रहे हैं कि राख को शरीयत के हिसाब से कैसे सिपुर्द ए खाक किया जाए।

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