14 साल की नाबालिग से हुई थी निर्भया जैसी दरिंदगी, जज ने कहा- दोषियों को तब तक फांसी पर लटकाओ...

यूपी के बरेली में 14 साल की नाबालिग के साथ निर्भया जैसी हैवानियत करने वाले 2 युवकों को पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। चार साल पहले 29 जनवरी 2016 को दोनों युवकों ने नाबालिग के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी थी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2020 11:02 AM IST / Updated: Jan 10 2020, 06:37 PM IST

बरेली (Uttar Pradesh). यूपी के बरेली में 14 साल की नाबालिग के साथ निर्भया जैसी हैवानियत करने वाले 2 युवकों को पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। चार साल पहले 29 जनवरी 2016 को दोनों युवकों ने नाबालिग के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी थी। मामले में 8 जनवरी 2020 को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा, दोनों दोषियों को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक दोनों की मौत नहीं हो जाती।

क्या है पूरा मामला
मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र का है। यहां के एक गांव की रहने रही 14 साल की नाबालिग 29 जनवरी 2016 की शाम अपनी मां के साथ खेत गई थी। मां खेत से घर लौट आई, लेकिन बेटी वापस नहीं लौटी। काफी देर तक जब उसका कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। इस बीच उसका शव सरसो के खेत में अर्द्धनग्न अवस्था में मिला। 

Latest Videos

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ था ये खुलासा
पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटाकर उसे फॉरेंसिक लैब भेजा। रिपोर्ट आई तो परिजनों का शक सच में बदल गया। नाबालिग के साथ रेप किया गया था। उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा मिला। कई चोट के निशान भी मिले थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए जांच तेज कर दी। इसी बीच गांव के रामचंद्र ने पुलिस को बताया कि, उसके पास मुरारीलाल व उमाकांत मदद मांगने आए थे। वो पुलिस से बचने की बात कह रहे थे। इसके बाद पुलिस ने 31 जनवरी 2016 को मुरारीलाल व उमाकांत को गिरफ्तार किया। दोनों ने पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल कर लिया। मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मजबूत सबूत के तौर पर पेश किया गया। पीड़ित की दादी, मां के अलावा रामचंद्र समेत 11 लोगों को गवाह बनाया गया। 2017 में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। तभी से ये मामला चल रहा था। जिसमें कोर्ट ने अब फांसी की सजा सुनाई।  

मां-बाप की इच्छा पूरी हुई
सरकारी वकील सुनीति कुमार पाठक ने बताया, दोनों अभियुक्त जेल में हैं। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुनील कुमार यादव ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। मुरारीलाल व उमाकांत को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती है। पीड़िता के माता-पिता की भी यही इच्छा थी कि उनकी बेटी के दोषियों को फांसी की सजा मिले।

Share this article
click me!

Latest Videos

इस्तीफा देने के बाद कहां रहेंगे केजरीवाल, नहीं है घऱ #Shorts
'क्या बेटा इतना बड़ा हो गया जो मां को आंख दिखाए' मोहन भागवत से Arvind Kejriwal ने पूछे 5 सॉलिड सवाल
चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev