बचपन से ही दिव्यांग है ये शख्स, आस्था ऐसी कि 543 किमी दूर संगम नहाने चला आया ये शख्स

राम अवतार की अब उम्र 53 साल हो चुकी है। दिव्यांगता के कारण वह न तो चल फिर पाता है और न ही ठीक से खाना खा पाता है, लेकिन आस्था के आगे उसने अपनी लाचारी को भी मात दे दी है। राम अवतार का कहना है कि वह हर वर्ष गंगा मां के बुलावे पर संगम पहुंचता है।

Ankur Shukla | Published : Jan 10, 2020 10:14 AM IST

प्रयागराज (Uttar Pradesh) । धर्म नगरी प्रयागराज के संगम तट पर हर साल लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा सालाना धार्मिक आयोजन 'माघ मेला' आज से शुरू हो गया है। यहां भोर से ही दर्शनार्थी पूरी आस्था के साथ संगम स्नान करने पहुंच रहे हैं। इनमें एक शख्स ऐसा भी है, जो स्नान के लिए 543 किमी दूर से आया है, जिसके कमर के नीचे अंग ही नहीं है। ऐसे में यह शख्स लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

20 साल से हर माघ मेले में करता है स्नान
राम अवतार बचपन से ही दिव्यांग है। उसके कमर के नीचे के अंग नहीं है। उसका दावा है कि वह सामान्य लोगों की तरह गांव वालों के साथ 2001 से संगम स्नान करने हर साल आता है।

आस्था के आगे लाचारी को दी मात
राम अवतार की अब उम्र 53 साल हो चुकी है। दिव्यांगता के कारण वह न तो चल फिर पाता है और न ही ठीक से खाना खा पाता है, लेकिन आस्था के आगे उसने अपनी लाचारी को भी मात दे दी है। राम अवतार का कहना है कि वह हर वर्ष गंगा मां के बुलावे पर संगम पहुंचता है।

दोहरा पुण्य कमा रही चाची
रिश्ते में राम अवतार की चाची लगने वाली रेखा भी संगम की रेती में कल्पवास कर रही है। वह गंगा स्नान के साथ-साथ राम अवतार की मदद भी कर देती है। रेखा ने बताया कि गंगा स्नान हर साल करने आती है, लेकिन राम अवतार की मदद कर वह दोहरा पुण्य कमा रही है। वह बताती है कि राम अवतार को देखने के बाद लोग मदद भी कर दे रहे हैं। हालांकि वह किसी से कुछ मांगती है, बल्कि भीड़ न लगाने का अनुरोध करती है।

मेला प्रशासन पर लगाया आरोप
राम अवतार की चाची का कहना है कि उसे इस बार मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। प्रयागराज के पांच डिग्री तापमान में कई श्रद्धालुओं को भी खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है। इसके अलावा शौचालाय व पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। उसने कहा कि अगली बार माघ मेले में नहीं आएगी।

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