Russia Ukraine crisis पर वाराणसी में बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह- भारत चाहता है न पैदा हो युद्ध की स्थिति

वाराणसी में पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यूक्रेन विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि शांति कायम होनी चाहिए। बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए। युद्ध की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, यही भारत की सोच है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 24, 2022 1:07 PM IST / Updated: Feb 24 2022, 06:40 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जिले वाराणसी में पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यूक्रेन विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि शांति कायम होनी चाहिए। बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए। युद्ध की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, यही भारत की सोच है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने पहले भी एडवाइजरी जारी की थी। सरकार चिंतित है, प्रयास जारी हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हमारे जो बच्चे वहां हैं उन्हें निकाला जाए। वहां स्थिति विषम है। प्लेन भेजा गया था, लेकिन प्लेन वहां उतारा नहीं जा सका। वहां से कुछ बच्चे आए भी हैं, लेकिन वहां एक प्लेन गई हुई है। ऐसी स्थिति थी चाह कर भी प्लेन वहां पर लैंड नहीं कर पाया। वहां की स्थिति विषम है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। लेकिन फिर भी हमारी गवर्नमेंट को पूरी रिपोर्ट है कि हमारे भारतीय बच्चे वहां फंसे हैं, उनको सुरक्षित यहां लाया जा सके भारत चाहता है। देश में शांति कायम होनी चाहिए। इसका हल बातचीत के द्वारा निकाला जाना चाहिए। 

उत्तर प्रदेश के कुछ छात्र कीव में है फसे
बता दे कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच देश के साथ उत्तर प्रदेश के कुछ छात्र कीव में फंस गए हैं। फिरोजाबाद जिले के सिरसागंज के आशुतोष जैन ने 2017 से यूक्रेन में रहकर MBBS की पढ़ाई कर रहा है। बुधवार शाम आशुतोष जैन भारत लौट आया। आशुतोष की मानें तो उनके जैसे काफी स्टूडेंट अभी भी वहां फंसे हुए है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में लड़ाई की खबर हम सुन रहे थे लेकिन हमारी यूनिवर्सिटी वालों ने कहा कि आप पढ़िए कोई चिंता की बात नहीं है। जब हमने 2 दिन बाद एम्बेसी वालों से बात की तो वे कहने लगे अगर आपको अपनी जान प्यारी है तो आप यह देश छोड़कर चले जाईये। अगर आपको रुकना है तो हम आपको सुरक्षा दे पाएंगे या नहीं दे पाएंगे आप सोच लीजिए। 

करीब 1 हजार बच्चे अभी भी वहां फंसे
हम जिस सिटी में पढ़ते थे वहां के एयरपोर्ट पर गए वहां से टिकट बुक कराए। फिर हवाई जहाज से यूक्रेन सेदुबई से मुंबई और मुंबई से दिल्ली से यहां आ गए। आशुतोष ने बताया कि अभी भी करीब 1 हजार बच्चे वहां फंसे हुए हैं जो वहां से आना चाह रहे हैं लेकिन फ्लाइट के टिकट काफी महंगे हो चुके हैं। धीरे-धीरे लोग वहां से आ रहे हैं। वहां स्थिति यह हो गई है कि लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ लोग डर की वजह से कम निकल रहे हैं और डर की वजह से लोग वहां से आना चाह रहे हैं। 

सही सलामत घर लौटने से मां हुई खुश
कॉलेज वाले मना करते हैं कि आप मत जाइए लेकिन हमें डर था और घर वाले भी काफी परेशान थे। इसलिए हमें आना था। सरकार से कहना चाहता हूं जो भी वहां फसे है उन्हें भी लाया जाए। आशुतोष जैन के यूक्रेन से आने के बाद परिवार में काफी खुशी है। उनकी मां संगीता जैन अपने बेटे के वापस आने के बाद उसे काफी दुलार कर रही हैं। वे मिठाई खिलाकर उसके माथे को चूम रही हैं कि वह सही सलामत वापस आ गया। संगीता जैन ने बताया कि हमें बहुत खुशी है कि मेरा बेटा सही सलामत घर वापस आ गया। 

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