8 दिसंबर को दिल्ली के अनाज मंडी में लगी आग में 43 लोगों की जान चली गई। जान गंवाने वालों में यूपी के मुरादाबाद के 2 सगे भाई, उनके पड़ोसी समीर और बिजनौर के मुशर्रफ का नाम भी शामिल है। सोमवार रात सभी मृतकों के शव उनके पैतृक गांव पहुंचे। मंगलवार को जवान बेटे की अर्थी को कंधा देने वाले बूढ़े पिता को देख सभी की आंखें नम हो गई।
मुरादाबाद (Uttar Pradesh). 8 दिसंबर को दिल्ली के अनाज मंडी में लगी आग में 43 लोगों की जान चली गई। जान गंवाने वालों में यूपी के मुरादाबाद के 2 सगे भाई, उनके पड़ोसी समीर और बिजनौर के मुशर्रफ का नाम भी शामिल है। सोमवार रात सभी मृतकों के शव उनके पैतृक गांव पहुंचे। मंगलवार को जवान बेटे की अर्थी को कंधा देने वाले बूढ़े पिता को देख सभी की आंखें नम हो गई। गलियों, छतों पर खड़े जनाजे को देख रहे लोग फूट-फूटकर रोते दिखे। वहीं, मुशर्रफ का एक दोस्त सामने आया है, जिसने बताया मौत से पहले मृतक ने उसे फोन कर कहा था, मेरे मरने के बाद परिवार का ख्याल रखना।
जब एक साथ उठे तीन जनाजे, फूट फूटकर रोए लोग
दिल्ली की अनाज मंडी में जान गंवाने वाले तीन इमरान, इकराम और समीर मुरादाबाद जिले के छजलैट थाना इलाके के कुरी गांव के रहने वाले थे। तीनों के शव सोमवार देर शाम गांव पहुंचे। इसी गांव का शहजाद दिल्ली के अरबन अस्पताल में अब भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया, गांव में इससे पहले कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ था। यह पहली दफा है, जिसमें एक साथ तीन लोगों के जनाजे उठे। लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले।
मेरे मरने के बाद परिवार का ख्याल रखना
बिजनौर के टांडा माइदास गांव के रहने वाले मुशर्रफ की मौत अनाज मंडी अग्निकांड में हुई। सोमवार देर शाम गमगीन माहौल में उसके शव को कब्रस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान लोग उसे याद कर रोते बिलखते दिखाई दिए। पूरे गांव में मातम का माहौल है। इस बीच गांव में रहने वाले मुशर्रफ के दोस्त मोनू ने कहा, अनाज मंडी में आग लगने के बाद मुशर्रफ ने मुझे फोन किया था। उसने कहा था कि फैक्ट्री में आग लग गई है, चारों ओर लपटें उठ रही है। धुएं के कारण सांस लेना मुश्किल है। मदद के लिए भी कोई नहीं दिख रहा। लगता है कुछ देर में मेरी मौत हो जाएगी। मेरे दोस्त मोनू मरने के बाद मेरे परिवार का ख्याल रखना।