यूपी में इन दिनों डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। लगातार बढ़ते मरीजों के बाद अस्पतालों में बेड फुल नजर आ रहे हैं। वहीं ओपीडी पहुंच रहे मरीजों को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है।
लखनऊ: यूपी में इन दिनों डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। महज 15 दिनों में ही मरीजों के हालात इस कदर बिगड़ गए की हर ओर दहशत का माहौल है। लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और आगरा जैसे बड़ों शहरों से कई रोगी सामने आ रहे हैं। हालांकि इस बीच यूपी के सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा रहा है। कई घंटों के इंतजार के बाद ही उन्हें ओपीडी में डॉक्टरों की सलाह और दवा मिल पा रही है। सरकारी ही नहीं निजी अस्पतालों का हाल भी बद से बदतर हो चुका है।
आधा दर्जन से अधिक बुखार का अटैक, प्रयागराज में मरीज को चढ़ा दिया मौसमी का जूस
राजधानी लखनऊ में एक साथ आधा दर्जन तरह के बुखार अटैक कर रहे हैं। सैकड़ों मरीज रोज वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया, टायफाइड, मलेरिया और सीजनल बुखार से ग्रस्त होकर अस्पताल पहुंच रहे है। इस तरह से अस्पतालों में भीड़ देखकर मेडिकल स्टाफ भी हैरान और परेशान नजर आ रहा है। यही नहीं यूपी के प्रयागराज जनपद में तो डेंगू के मरीज को मौसमी का जूस चढ़ने तक का मामला सामने आया। यहां निजी अस्पताल में 32 वर्षीय मरीज की मौत के बाद पता चला की उसे प्याज्मा या प्लेटलेट्स की बजाए मौसमी का जूस चढ़ाया जा रहा था।
जांच के नाम पर मरीजों से अधिक वसूली, ओपीडी के बाहर लगी लंबी लाइन
डेंगू के लगातार बढ़ते मरीजों के बाद अस्पतालों में तमाम वार्डों को डेंगू वार्ड में तब्दील किया जा रहा है। इस बीच तमाम शहरों से डेंगू की जांच के नाम पर अधिक पैसों की वसूली का मामला भी सामने आ रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के बाहर लंबी लाइनों का सामना भी लोगों को करना पड़ रहा है। वहीं इस बीच प्रयागराज में एक डेंगू से पीड़ित शिक्षक अल्फ्रेड सुमित कुजूर की क्लास में पढ़ाने के दौरान मौत हो गई। डेंगू से हुई इस मौत के बाद परिजनों का बुरा हाल है।
कैंसिल हुई डॉक्टर्स की छुट्टियां
यूपी में डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार की ओर से निर्देश जारी कर सभी सरकारी डॉक्टर्स की छुट्टियों की कैंसिल कर दी गई हैं। इस बीच अस्पतालों में बेड रिजर्व करने और पर्याप्त प्लेटलेट्स के भी इंतजाम भी करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इस बीच तमाम तीमारदारों के द्वारा जांच के नाम पर अधिक पैसे वसूलने की शिकायतें भी की जा रही है। वहीं कई क्षेत्रों में फागिंग आदि इंतजाम न होने के चलते भी लोगों की नाराजगी सामने आ रही है।
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