
देवरिया : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में में निराश्रित पशुओं के लिए सरकारी गौशालाओं का निर्माण कराया गया था, लेकिन योगी सरकार 2.0 में यह योजना देवरिया जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से बेपरवाह नज़र आ रहे है।
यह है पूरा मामला
योगी सरकार 2.0 में यह योजना देवरिया जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से बेपरवाह नज़र आ रहे है। इसकी तस्वीर उस समय देखने को मिली जब नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी पर मृत गोवंशो के शवों को कूड़े में ढक-कर फेंकने ले जाया जा रहा था। एक तरफ यह व्यवस्था है कि मृत गोवंशो का पोस्टमॉर्टम कर उनकी मौत के कारणों का पता लगाया जाए तो, वही दूसरी तरफ गोवंशों के सों को गरिमा पूर्वक दफन करने का प्रावधान है लेकिन गौशाला से जुड़े कर्मियों की लापरवाही से ऐसा नहीं हो पा रहा है और इस तरह की तस्वीर देखने को मिल रही है।
कूड़े की गाड़ी में गोवंश का शव
देवरिया शहर के बालाजी मंदिर के समीप कूड़ा उठा रही गाड़ी में गोवंश का शव पड़ा हुआ था। इस बारे में जब नगरपालिका कूड़ा गाड़ी चालक दिनेश से बात की गई तो उसने बताया कि कूड़ा उठा रहे है, कान्हा गौशाला में बछड़े मरे थे, इसे दफनाने ले जा रहे हैं, कूड़ा से ढक कर ले जा रहे हैं।
देवरिया का बुरा हाल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जिस मठ के महंत हैं, वह गौ-सेवा के लिए वह जानी जाती है. समय-समय पर योगी आदित्यनाथ का भी गायों के प्रति प्रेम दिखता रहता है और इसको लेकर आये दिन निराश्रित गौवंशो की देख-रेख के लिए सख्त आदेश जारी करते रहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से सटे पड़ोसी जिला देवरिया में गौशालाओं का बुरा हाल है।
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