
राजीव शर्मा
बरेली: उत्तर प्रदेश के योगी कैबिनेट में बरेली जिले की आंवला विधानसभा क्षेत्र से विधायक धर्मपाल सिंह को फिर से शामिल कर लिया गया है। इससे यह उम्मीद तेज हो गई है कि अब यूपी को महाभारतकाल की पहचान वाला एक नया जिला मिल जाएगा। दरअसल, धर्मपाल सिंह ने अपनी विधानसभा के लोगों से यह वायदा किया है कि वह आंवला को अलग जिले का दर्जा दिलाएंगे। ऐसे में, उनको फिर लालबत्ती मिलने के साथ यह उम्मीद बढ़ गई है। बता दें कि धर्मपाल सिंह योगी- 1 सरकार में सिंचाई विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे, तब उन्होंने आंवला को जिला बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री तक पहुंचाया था। इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने ऐलान किया था कि चुनाव बाद आंवला को अलग जिला बनवाकर ही रहेंगे।
आंवला का यह है महत्व
आंवला महाभारत काल से जुड़ा स्थल है। यहां पांचाल नगर की राजधानी हुआ करती थी। द्रुपद का किला यहां के रामनगर में हुआ करता था, जिसके अवशेष यहां आज भी टीले के रूप में मिलते हैं। टीले की खुदाई में कई पुरावशेष मिल चुके हैं, जिनसे इसके महाभारत काल के होने के प्रमाण मिले हैं। यह टीला पुरातत्व विभाग के कब्जे में है। इसके अलावा रामनगर में प्राचीन जैन मंदिर है। यहां हर साल देश भर से जैन धर्मावलंबी आते हैं। महाभारत काल का प्राचीन शिव मंदिर भी यहां स्थापित है और प्राचीन लीलौर झील भी है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पांडवों का यक्ष संवाद हुआ था। इन स्थलों की वजह से ही आंवला को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की शासन की योजना पर काफी समय से काम चल रहा है।
दिया जा चुका है अलग जिले का प्रस्ताव
विधायक धर्मपाल सिंह आंवला को अलग जिला बनाने का प्रस्ताव शासन में पहले ही दे चुके हैं। इसके लिए वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। योगी ने उनको इस पर गंभीरता से विचार करके निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। कहा था कि अलग जिला बनने से न सिर्फ महाभारत काल की पांचाल नगरी को स्थापित पहचान मिलेगी, बल्कि यूपी में एक बेहतर पर्यटन स्थल भी विकसित किया जा सकेगा। चूंकि आंवला के आसपास बदायूं, रामपुर जिले भी पड़ते हैं इसलिए धर्मपाल सिंह बदायूं की दो तहसीलों और रामपुर की शाहबाद तहसील को भी मिलाकर आंवला को एक अलग जिला बनाना चाहते हैं। आंवला की जनता की भी यही मांग है।
लालबत्ती मिली अब जल्द बनेगा अलग जिला
योगी कैबिनेट में बरेली से जिन विधायकों को शामिल किया गया है, उनमें धर्मपाल सिंह भी शामिल हैं। पांच बार विधायक रहे धर्मपाल प्रदेश की लगभग हर भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं। योगी सरकार-1 में वह सिंचाई के कैबिनेट मंत्री थे। वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं। एक वक्त उनका नाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी चला था। वजह यह है कि कल्याण सिंह के बाद उनको उत्तर प्रदेश में लोध-राजपूत-किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाला नेता माना जाता है।
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