
महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के जिले महाराजगंज से अधिकारी द्वारा इस काम की काफी तारीफ हो रही है। ऐसे मामले भी काफी बार सुनने को मिल जाते है कि किसी अफसर ने जरूरतमंद की मदद की। दरअसल राज्य के महाराजगंज जिले के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में दोपहर एक बजे दिव्यांग राजकुमार ऑटो चालक पुहंचा। ऑटो का चालान भरने के लिए उसको अपनी मां का मंगलसूत्र बेचना पड़ा। लेकिन उससे चालान की रकम पूरी नहीं हो पाई थी, सिर्फ 12 हजार रुपए ही इकट्ठा हुए।
24500 रुपए थी चालान की रकम
जानकारी के अनुसार शहर के फरेंदा इलाके के सिंहपुर टाल्ही गांव का एक आंखों से दिव्यांग राजकुमार ऑटो चलाता है। राजकुमार के 6 बेटियां हैं और एक बेटा विजय कुमार है। पूरे परिवार का खर्च इसी ऑटो के बदौलत चलता है। कुछ दिन पहले ऑटो का किसी ने चालान कर दिया और चालान की रकम 24500 रुपये थी। इसी को भरने के लिए ऑटो चालक ने अपनी मां का मंगलसूत्र बेच दिया और 12 हजार रुपए ही इकट्ठा हो पाए। इसके बाद चालान भरने और इसकी जानकारी करने विजय कुमार आरटीओ कार्यालय पहुंचा।
एआरटीओ ने चालक का भरा चालान
इसी दौरान आरटीओ आरसी भारती को इस बात की जानकारी हुई कि पीड़ित विजय कुमार बेहद गरीब है और उसे चालान भरने के लिए मां का मंगलसूत्रर बेच कर टेंपो का चालान भरना चाहता है। यह सुनकर एआरटीओ आरसी भारती का दिल द्रवित हो गया और उसने अपने एटीएम से चालान के पूरे पैसे भरे और तो और टेंपो क इंश्योरेंस भी 10000 रुपये से कराया। चिलचिलाती गर्मी भरे मौसम में एआरटीओ के एक प्रयास ने कार्यालय का माहौल बहुत ठंडा और सुकून देने वाला कर दिया।
मदद के बाद मिलता है काफी सुकून
एआरटीओ आरसी भारती ने पीड़ित विजय कुमार को आश्वासन दिया कि वह भविष्य में किसी भी तरह की मदद के लिए उसका साथ देंगे। एआरटीओ के इस प्रयास से न सिर्फ कार्यालय में बल्कि चारों तरफ तारीफ हो रही है। जो भी इसे सुन रहा है वह एआरटीओ को हजारों दुआएं दे रहा है। सिंहपुर टाल्ही निवासी राजकुमार और विजय कुमार के ऑटो का चालान भरने के बाद आरसी भारती का कहना है कि मदद करने के बाद काफी सुकून मिलता है।
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