
अलीगढ़. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) स्थित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भड़काऊ भाषण के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की कार्रवाई की जद में आए डॉक्टर कफील खान के खिलाफ उठाए गए इस कदम को वापस लेने की मांग की है।
कफील खान पर AMU में भड़काऊ भाषण देने का है आरोप
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रशिक्षु चिकित्सकों ने गत 12 दिसंबर को एएमयू में नए नागरिकता कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जमानत मिलने के बावजूद पिछले दिनों डॉक्टर कफील खान पर रासुका लगाए जाने के विरोध में पदयात्रा की। एसोसिएशन के अध्यक्ष हमजा मलिक ने कहा कि कफील खान पर रासुका लगाया जाना विरोध की आवाज को दबाने के समान है और यह भारत के संविधान का उल्लंघन है।
रासुका लगने से डॉक्टर के सिहाई के रास्ते फिलहाल बंद
उन्होंने कहा कि विभिन्न मानवीय मुद्दों पर हमेशा आगे आकर सेवा देने वाले एक डॉक्टर को निशाना बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार दरअसल पूरी चिकित्सक बिरादरी के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी कर रही है। गौरतलब है कि गत 12 दिसंबर को एएमयू में नए नागरिकता कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सक डॉक्टर कफील खान पर जमानत पर जेल से रिहा होने से ऐन पहले 13 फरवरी को रासुका की कार्रवाई की गई थी। इस तरह उनकी रिहाई के रास्ते फिलहाल बंद हो गए हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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