यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता अपनी बयानबाजी से लगातार चर्चा में छाए रहते हैं। सपा नेताओं के अतिआत्मविश्वास और अहंकार की वजह से इसका सीधा नुकसान पार्टी को हो सकता है। सपा के नेता धमकी देने वाले भाषण देते हैं और खुद को सबसे बड़ा गुंडा बताते हैं।
दिव्या गौरव त्रिपाठी
लखनऊ: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सपा-सुभासपा उम्मीदवार अब्बास अंसारी पर उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी। आयोग ने अंसारी पर यह रोक सरकारी अधिकारियों के साथ 'हिसाब बराबर' करने की धमकी देने वाले एक भाषण को लेकर लगायी। मऊ से उम्मीदवार अब्बास अंसारी पर 24 घंटे की रोक शुक्रवार शाम सात बजे से शुरू हो गई। अब्बास जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।
आपको बता दें कि अब्बास अंसारी के संबोधन से संबंधित एक कथित वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित हुआ था जिसमें वह अधिकारियों को लक्ष्य कर कहते सुने जा रहे हैं, 'जो आज डंडा चला रहे हैं, यहां पर अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव) से कहकर आया हूं...छह महीने तक कोई तबादला, तैनाती नहीं होगी... जो है वह यहीं रहेगा...जिस-जिस के साथ जो-जो किया है... उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा।'
'किसी से नहीं दबा है मेरठ का मुसलमान'
ऐसा पहली बार नहीं है जब सपा नेता ने इस तरह के बयान दिए हैं। इससे पहले मेरठ के सपा नेता रफीक अंसारी ने कहा था, 'सरकार ने 5 साल के अंदर पूरी हिंदुगर्दी मचाई है, हर थाने में हिंदुगर्दी मचाई है, अगर सरकार बन गई तो ये गुंडे बन जाएंगे, यकीन मानिए मेरठ का जवान और मेरठ का मुसलमान कभी किसी से नहीं दबा है, लेकिन इस सरकार ने आप को दबाने का काम किया, आप को कुचलने का काम किया, आप को खत्म करने का काम किया।'
सपा नेता ने कहा था, 'हमसे बड़ा गुंडा कौन'
वहीं बीते माह यूपी के सीतापुर में समाजवादी पार्टी के सेवता विधानसभा सीट से प्रत्याशी महेंद्र सिंह झीन बाबू ने कहा था, 'हमारे सेवता विधान सभा क्षेत्र में आकर गुंडई करेंगे, हमसे बड़े गुंडे हैं?' महेंद्र सिंह झीन बाबू के इस बिगड़े बोल पर सभा में मौजूद सपा कार्यकर्ताओं ने खूब तालियां बजाईं थीं और महेंद्र सिंह झीन बाबू भी हंसने लगे थे।
'पार्टी को होगा बड़ा नुकसान'
इस तरह के बयानों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत मिश्रा कहते हैं, '2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत से आई थी। लेकिन इसके बाद इसी तरह के बयानों और कामों की वजह से 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में सपा को सूबे की जनता ने नकार दिया। इस तरह के बयान सूबे की जनता में पार्टी और पार्टी नेतृत्व का चरित्र उजागर करते हैं।' मिश्रा ने कहा कि इस तरह के बयानों से इस बार के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि अतिआत्मविश्वास और अहंकार की वजह से सपा नेता इस तरह की बयानबाजी करते हैं, जिसका सीधा नुकसान पार्टी को होगा।