किडनी के सौदागरों ने पार की अमानवीयता की हदें, गरीब को फंसाकर कराया ऑपरेशन और फिर खाने तक के नहीं दिए पैसे

मानव अंग तस्करी करने वाले गिरोह के चंगुल में फंसे एक युवक की साथ अमानवीयता सामने आई है। यहां तक की उसे खाना भी नहीं दिया जाता था। किसी तरह से युवक ने वहां से निकलकर जान बचाई। युवक चाट का ठेला लगाता है और अविवाहित है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2022 6:06 AM IST / Updated: Apr 25 2022, 11:38 AM IST

एटा: मानव अंग तस्करी करने वाले गिरोह के चंगुल से छूटकर आए एक युवक ने किडनी के सौदागरों की अमानवीयता के बारे में बताया। एटा के युवक किशन कश्यप ने कहा कि किडनी निकालने के बाद उसे खाना तक देना बंद कर दिया गया था। यही नहीं कई दिनों तक उसे भूखा रखा गया। इसके बाद जब उसे यह लगने लगा कि अब रकम तो नहीं ही मिलेगी और जान भी नहीं बच पाएगी तो परिजनों की याद आई। आनन-फानन में युवक ने भाई को सूचित किया और इसके बाद उसे गिरोह के चंगुल से छुड़ाया गया। 

मालामाल करने का दिया था झांसा
भगीपुर निवासी किशन कश्यप अविवाहित हैं। वह चाट का ठेला लगा अपना खर्च चलाते हैं। परिवार के गरीब होने का फायदा ही सौदागरों के द्वारा उठाया गया। युवक को मालामाल करने का झांसा देकर 24 लाख में किडनी निकलवाने का सौदा तय हुआ। इसके बाद 23 फरवरी को उसे अश्वनी उर्फ रॉकी अपने साथ आगरा लेकर गया। यहां से उसे ट्रेन के जरिए विशाखापट्टनम ले जाया गया। जहां 20  दिन ठहराने के बाद उसकी किडनी निकाल ली गई। 

भेजी गई राशि को भी निकलवाया 
किशन ने बताया कि उसे तकरीबन 10 दिन तक वहां रखा गया। इस बीच उसके बैंक और पेटीएम खाते में 4.30 लाख रुपए डाले गए। शेष धनराशि का उसे चेक दिया गया। इसके बाद उसे लेकर एटा लाया गया। यहां बताया गया कि चेक को लखनऊ में कैश किया जाएगा। यहां शिवाजी नाम के एक व्यक्ति को बुलाया गया और होटल में ठहरा दिया गया। इसके बाद तकरीबन 19 दिन तक उसे यहां रखा गया। पैसा मिलना तो दूर जो खाते में पहले से था उसे भी निकाल लिया गया। 

कई दिनों तक पीड़ित ने चावल खाकर चलाया काम 
पीड़ित ने बताया कि वह कई दिनों तक चावल खाकर किसी तरह से काम चलाया रहा। भोजन के लिए उसे 2500 रुपए दिए गए। इसके दस दिन बाद 500 और फिर एक सप्ताह बाद 500 रुपए दिए गए। जब उसने भूख लगने की बात कही तो कहा गया कि हमने ठेका नहीं ले रखा है। 

चेन्नई तक रवाना हुई टीम 
वहीं मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के बड़े नेटवर्क की जानकारी मिली है। लखनऊ से लेकर विशाखापट्टनम के अलावा अन्य शहरों में भी इनके तार जुड़े हुए हैं। मामले की पूरी पड़ताल के लिए एक टीम को विशाखापट्टनम और एक टीम को चेन्नई भेजा गया है। 

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