मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से टूट गई 55 साल पुरानी दोस्ती, बड़े भाई की तरह रखते थे परिवार का ख्याल

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर प्रदेश की योगी सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। वहीं उनके निधन से उनकी 55 साल पुरानी दोस्ती टूट गई। नेताजी हमेशा एक बड़े भाई की तरह पूरे परिवार का ख्याल रखते थे।

इटावा: पूर्व रक्षामंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव सोमवार 10 अक्टूबर को दुनिया से चले गए। नेताजी की मौत से हर जगह शोक की लहर दौड़ रही है। पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े-बड़े नेता अस्पताल में पहुंचकर उनकी श्रद्धांजलि दे रहे है। उनके निधन पर प्रदेश की योगी सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। 82 साल की उम्र में नेताजी ने मेदांता के गुरुग्राम में आखिरी सांस ली। उनके गृह जिले इटावा के बसरेहर के एक परिवार से नेताजी के 55 साल पुराने रिश्ते कायम रहे हैं लेकिन उनके निधन ने इस दोस्ती को तोड़ दिया है। परिवार के मुखिया घनश्याम दास बतातें है कि मुलायम सिंह यादव के निधन से वह बेहद दुखी हैं। वह हमेशा नेताजी को अपना बड़ा भाई मानते रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी जैसा दूसरा नेता आज की तारीख में सारे देश में देखने को नहीं मिलेगा।

मुलायम सिंह यादव के लिए अर्जुन सिंह ने जनता से मांगे वोट
इटावा के बसरेहर परिवार के मुखिया घनश्याम पोरवाल बताते है कि उनके हर सुख दुख में हमेशा नेताजी हिस्सेदार रहे हैं। घनश्याम बताते हैं कि एक सड़क हादसे में जब वो जीवन और मौत से जूझ रहे थे तो नेताजी मुलायम सिंह यादव ने उनको लखनऊ के एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया जहां काफी दिनों तक उनका उपचार किया गया है। इतना ही नहीं वह डॉक्टरों से हर दिन हालचाल लिया करते थे, यहां तक कि वह अपने घर पर ही रखकर ही उन्होंने उनका उपचार करवाया। घनश्याम आगे बताते है कि साल 1967 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए लेकिन नेताजी को सबसे पहला टिकट दिलाने का काम कमांडर अर्जुन सिंह भदौरया ने किया। अर्जुन ने पूरे इलाके में घूम कर के लोगों के बीच जाकर के नेताजी के लिए न सिर्फ प्रचार किया बल्कि यह भी कहा कि एक नोट और एक वोट की बात है, मुलायम सिंह यादव को जीताकर सदन में भेजो। इस दौरान उन्होंने जनता से यह भी कहा कि चाहे हमको वोट देना या नहीं देना लेकिन मुलायम को वोट जरूर देना। 

Latest Videos

शपथ ग्रहण समारोह में सम्मान के साथ चंद्रशेखर के साथ बैठाया
नेताजी के गृह जिले इटावा में रहने वाले घनश्याम ने यह भी बताया कि नेताजी से उनके रिश्ते इतने प्रगाढ़ रहे हैं कि जब कभी भी वह घर के बाहर निकले हैं तो उन्होंने रुकना मुनासिब समझा है और उनके स्वागत करने में मैंने भी कोई कोर कसर नहीं रखी है। नेताजी पहली बार साल 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान मैं भी उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए गया था। इस दौरान नेताजी ने सम्मान के साथ में चंद्रशेखर जी के पास वाली कुर्सी पर बैठाया। उन्होंने आगे कहा कि नेताजी हमेशा रिश्ते निभाने में कोई कमी नहीं रखी है और हमेशा भाई जैसा ही रिश्ता बनाकर रखा है। वहीं दूसरी ओर घनश्याम दास की पत्नी शकुंतला देवी का कहना है कि नेताजी ने उनके परिवार पर इतने एहसान किया है कि वह कभी चुका नहीं सकती हैं। उनके पति मौत के करीब थे तब नेताजी ने बड़े भाई का रिश्ता निभाते हुए उनके पति को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया। इसके अलावा उनकी नाबालिग बेटी गंभीर रूप से बीमार थी तब नेताजी ने यूपी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के साथ-साथ में जयपुर में भी इलाज कराया लेकिन बदकिस्मती से वह बेटी दुनिया में नहीं रही। 

परिवार के हर सुख-दुख के आयोजन में नेताजी रहे प्रमुख रिश्तेदार
घनश्याम दास की पत्नी शकुंतला देवी बताती है कि मेरे दामाद की भी हालत बेहद खराब हुई थी तब भी नेताजी ने उसके इलाज में कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने आगे कहा कि आज की तारीख में नेताजी जैसा दूसरा नेता नहीं हो सकता है। वहीं घनश्याम दास के बेटे राजेश कुमार का कहना है कि नेताजी से उनके परिवार के ऐसे रिश्ते है कि उनके परिवार में होने वाले हर सुख-दुख के आयोजन में प्रमुख रिश्तेदार रहे हैं। फिर चाहे उनकी शादी की बात हो या फिर भाई की शादी हुई हो, नेताजी हमेशा आते रहे हैं। राजेश आगे बताते हैं कि वह कभी नेताजी के इतने करीब थे कि हमेशा पार्टी का झंडा और डंडा उठाने में उन्हें कोई गुरेज नहीं था। शुरुआती दिनों में दलित मजदूर किसान पार्टी से लेकर समाजावादी पार्टी के गठन तक वह उनके बेहद करीब रहे है। साल 1999 में पार्टी का काम छोड़कर अपने काम में जरूर लग गए हो लेकिन नेताजी आज भी रिश्ते उसी तरह से बरकरार बने है।

जिस अस्पताल में हुआ था पत्नी साधना का निधन, 93 दिन बाद मुलायम सिंह यादव ने भी वहीं ली अंतिम सांस

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts