ब्रजेश पाठक की फटकार के बाद भी जंजीरों में कैद हैं सुविधाएं, नई व्हील चेयर और स्ट्रेचर का नहीं हो रहा इस्तेमाल

राजधानी में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी में डिप्टी सीएम की फटकार के बाद भी नई व्हील चेयर और स्ट्रेचर पर ताला लगा हुआ है लेकिन मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की फटकार के बाद अस्पताल प्रशासन ने नई तीन व्हील चेयर और नौ स्ट्रेचर मंगवाई थी।

Pankaj Kumar | Published : Apr 8, 2022 10:48 AM IST / Updated: Apr 08 2022, 04:19 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्ता में दोबारा वापसी कर योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल और अफसरों के साथ कार्य करने में लगी हुई है। राज्य की राजधानी में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं से मरीज बहुत परेशान हैं। अस्पताल में व्हील चेयर हो या स्ट्रेचर दोनों ही टूटी पड़ी है। पिछले सप्ताह गुरूवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पताल में अचानक निरीक्षण किया था। जहां उपमुख्यमंत्री की फटकार के बाद अस्पताल प्रशासन ने नई तीन व्हील चेयर और नौ स्ट्रेचर मंगवाई थी। लेकिन फटकार के बाद भी इनमें व्हील चेयर और स्ट्रेचर जंजीर लगाकर ताले में बंद है। 

मरीजों से डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों से ली जानकारी
बता दें कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल जाकर व्हील चेयर और स्ट्रेचर का जायज लिया था। अस्पताल में रखी व्हील चेयर को उठाकर और चलाकर भी देखा था। वहां पर रखी ज्यादातर व्हील चेयर और स्ट्रेचर की हालत जर्जर थी। किसी में पहिया नहीं था तो किसी में बैठने की गद्दी नहीं थी। ऐसी व्यवस्था को देखते हुए उन्होंने अस्पताल के निदेशक व सीएमएस से नाराजगी जताई थी। इसके बाद डिप्टी सीएम ने इमरजेंसी और वार्ड का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मरीजों से डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के व्यवहार और इलाज के बारे में भी जानकारी ली थी। 

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स्ट्रेचर और व्हील चेयर में लगी जंजीर पर सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि अभी इसकी जरूरत नहीं पड़ी है। अस्पताल में पर्याप्त व्हील चेयर और स्ट्रेचर हैं। अगर मरीजों की भीड़ बढ़ती है और कमी पाई जाती है तो इसका उपयोग किया जाएगा। आखिर मरीजों की सुविधा को देखते हुए ही नई व्यवस्था लागू की गई है।

केजीएमयू में भी उपमुख्यमंत्री पहुंचे थे अचानक
उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक पिछले दिनों अचानक केजीएमयू पहुंच गए और सुविधाओं का निरीक्षण किया। वह मास्क लगाकर खुद लाइन में लग गए और पहले से मौजूद मरीजों से बातचीत कर वहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। कुछ देर बाद कर्मचारी जब उन्हें पहचान गए तो वह आनन-फानन व्यवस्था दुरुस्त कराने में जुट गए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी में बदइंतजामी पर नाराजगी जाहिर की। इसके साथ ही पंजीकरण के लिए केजीएमयू के नंबर पर फोन करने वाले मरीजों की कॉल रिसीव न होने पर जमकर फटकार लगाई।

उन्होंने अगले 24 घंटे में व्यवस्था दुरुस्त करने की चेतावनी दी है। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कई बार पंजीकरण के लिए दिए गए नम्बर पर अपने फोन से कॉल की। हर बार नम्बर बिजी बताता रहा। इससे नाराज होकर वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक्सचेंज पहुंच गए। वहां सिर्फ दो लाइन पर बात हो रही थी। बाकी 10 लाइन खाली थीं। इस पर उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने एजेंसी हटाने की भी चेतावनी दी साथ ही उन्होंने कहा कि अब एजेंसी को प्रति कॉल रिसीव करने के हिसाब से भुगतान किया जाए। इसके अलावा ओपीडी में कुर्सियों पर गंदगी और टूटी दिखाई देने पर नाराजगी जताई।

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