Exclusive: गोरखपुर से योगी को मिला टिकट, राधा मोहन बोले- क्षमाप्रार्थी हूं...

वर्ष 1989 में बीजेपी ने गोरखपुर शहर से शिव प्रताप शुक्ला को विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया। इसके बाद गोरखपुर से चार बार लगातार शिव प्रताप शुक्ला विधायक बने। पांचवी बार शिवप्रताप के खिलाफ गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान पीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2002 में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा से डॉ.राधामोहन दास अग्रवाल को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था और खुद मंच लगाकर सभाएं की थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2022 7:36 AM IST

अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर:
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Chunav) का बिगुल बज चुका है। हर पार्टी अपना दम-खम लगाना शुरू कर चुकी है। वहीं इस बार विधानसभा चुनाव के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditiyanath) की सीट को लेकर तमाम बातें चल रहीं थीं, जिसपर शनिवार को​ विराम लग गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ये तय कर दिया कि योगी अयोध्या से नहीं बल्कि, अपने गृह जनपद गोरखपुर (Gorakh Pur Sadar Seat) से ही चुनाव लड़ेंगे। इस फैसले के बाद चुनाव की कैंपेन कर रहे विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (Radha Mohan Das Agarwal) ने अपने प्रचार को विराम लगा दिया और अपने फेसबुक पेज (FB Page) लिखा कि आज का कार्यक्रम अपरिहार्य कार्यों से स्थगित करना पड़ रहा है... क्षमाप्रार्थी हूं। जैसा कि कोरोना को देखते हुए डॉ. राधा मोहन डेली सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए अपना कैंपेन शुरू कर चुके थे। गौर करने वाली बात ये है कि 2002 में पहली बार राजनीति के मैदान लाकर योगी ने ही राधा मोहन को विधायक के रूप में स्थापित किया​ था। आज जब राधा मोहन का टिकट कटा है तो उसमे भी योगी का ही नाम सामने आया है। आइए जानते हैं किस तरह योगी ने भाजपा का विरोध कर राधा मोहन को गोरखपुर में स्थापित किया था। 

योगी ने की थी राधा मोहन के पक्ष में सभाएं
वर्ष 1989 में बीजेपी ने गोरखपुर शहर से शिव प्रताप शुक्ला को विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया। इसके बाद गोरखपुर से चार बार लगातार शिव प्रताप शुक्ला विधायक बने। पांचवी बार शिवप्रताप के खिलाफ गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान पीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2002 में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा से डॉ.राधामोहन दास अग्रवाल को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था और खुद मंच लगाकर सभाएं की थी। नतीजा यह रहा कि मंदिर समर्थित उम्मीदवार डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल ने बीजेपी के शिवप्रताप (वर्तमान राज्य सभा सदस्य) का विजय रथ रोक दिया। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के डॉ.अग्रवाल 38830 वोट पाकर जीत गए। समाजवादी पार्टी के प्रमोद टेकरीवाल 20382 वोट पाकर दूसरे जबकि चार बार लगातार जीतने वाले शिव प्रताप शुक्ला 14509 वोट पाकर ही संतोष किये।


फिर भाजपा के हो गए राधा मोहन
इसके बाद वर्ष 2007 में बीजेपी ने शिवप्रताप शुक्ला की बजाय हिन्दू महासभा से जीत हासिल करने वाले डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल को अपने सिंबल पर उतारा। डॉ.अग्रवाल ने 49714 वोट पाकर बीजेपी का परचम लहराया। फिर 2012 और 2017 में भी बीजेपी ने डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल को लड़ाया और उन्होंने जीत हासिल की।

योगी पक्की करते हैं जीत
गोरखपुर में अभी तक चाहे मेयर के चुनाव हो या फिर लोकसभा और विधानसभा आज हर इलेक्शन में योगी का सपोर्ट प्रत्याशी की जीत की राह पक्की करता है। जिस प्रत्याशी को योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए उसके साथ जनता भी चल पड़ती है। गोरखपुर में योगी हर दल से ऊपर उठकर हैं, समय—समय पर इसका उन्होंने आभास भी कराया है।

और बंद हो गया राधा मोहन का कैंपन
शनिवार को गोरखपुर से योगी का टिकट फाइनल होती ही राधा मोहन ने चुप्पी साध ली। डेली शाम को राधा मोहन अपने फेसबुक पेज लोगों को संबोधित करते थे। शनिवार को उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि अपरिहार्य कारणों से रात 8 बजे का कार्यक्रम स्थगित कर रहा हूं...क्षमाप्रार्थी हूं। वहीं दिनभर मीडिया के लोग राधा मोहन से प्रति​क्रिया लेने की कोशिश करते रहे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया

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