
लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने एक फर्जी दरोगा को पकड़ा। उत्तर प्रदेश को विगत कुछ समय से यूपी पुलिस की कूटरचित आईडी कार्ड बनवाकर अपने को एसटीएफ का दरोगा बताकर लोगों पर रोब दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूल करने वाले के बारे में सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में कुलदीप नारायण, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ मेरठ द्वारा एसटीएफ की टीमों का गठन कर अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में बृजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई, मेरठ में टीमें गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ की टीम को विश्वस्त सूत्रों एवं मुखबिरों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि थाना बड़ौत जनपद बागपत के ग्राम सादिकपुर सिनौली का रहने वाला अमित शर्मा नामक व्यक्ति ने यूपी पुलिस के दरोगा का फर्जी व कूटरचित आईडी कार्ड तैयार करा रखा हैं। तथा वह अपने को एसटीएफ का दरोगा बताकर मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर आदि जनपदों में भोले-भाले लोगों को रोब दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूल कर रहा हैं।
आईडी के साथ अन्य चीजे भी हुई बरामद
इसी क्रम में सात अप्रैल को उप-निरीक्षक अरूण कुमार निगम के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल जयवर्धन, कांस्टेबल विवेक पवॉर, कांस्टेबल भूपेन्द्र सिंह एंव कांस्टेबल विनय कुमार एसटीएफ मेरठ टीम जनपद मेरठ में अभिसूचना संकलन कर रही थी। इसी दौरान मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम किला परिक्षितगढ़ की ओर से एक व्यक्ति लाल रंग की मोटर साईकिल से मेरठ की ओर आ रहा हैं। जो अपने को एसटीएफ का दरोगा बताकर लोगों पर रौब डालकर उनसे मोटी रकम वसूलता हैं। यदि जल्दी की जाए तो पकड़ा जा सकता हैं। इस सूचना पर यकीन करते हुए स्थानीय थाने उप निरीक्षक से उक्त सूचना को साझा करते हुए उप निरीक्षक अशेष बाबू को साथ लेकर बीएनजी तिराहे से दस कदम गंगानगर की ओर थाना क्षेत्र भावनपुर, जनपद मेरठ से आवश्यक बल प्रयोग कर अमित शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। आईडी के साथ अन्य चीजे बरामत हुई।
पुलिस भर्ती में नौकरी का किया था प्रयास
गिरफ्तार अभियुक्त अमित शर्मा ने संक्षिप्त पूछताछ पर बताया कि मैं कुछ समय पहले पुलिस में भर्ती होने का काफी प्रयास किया परन्तु नौकरी नहीं मिली। मेरे खर्च बढ़ते गये फिर मैं एक बार अखबार में पढ़ा कि एक व्यक्ति फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर काफी लोगों से पैसा लिया है। इस पर मैं भी सोचा कि क्यों न फर्जी तरीके से पुलिस अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करूं। जिसके बाद एक दुकान से पुलिस वर्दी खरीदी और फिर वर्दी में फोटो खिचवाकर पुलिस आईडी कार्ड बनवा लिया। एसटीएफ के पुलिस कर्मी हमेशा प्राईवेट कपड़ो में ही रहते हैं इसलिए मैं भी प्राइवेट ड्रेस में रहने लगा और लोगों को एसटीएफ का उपनिरीक्षक बताने लगा। कई बार लोगों से ठगी करता रहा और बचता रहा। मैं इसी तरह के कई अपराधो में जेल जा चुका है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरूद्ध थाना भावनपुर, जनपद मेरठ पर मुआवजा संख्या 118/2022 धारा 420, 467, 468, 471, 484 भादवि पंजीकृत कराया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही हैं।
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