3 दिन से लाश रखकर चमत्कार का इंतजार कर रहे थे घरवाले, पुलिस को करवाना पड़ा अंतिम संस्कार

Published : Nov 17, 2019, 10:30 PM ISTUpdated : Nov 17, 2019, 10:44 PM IST
3 दिन से लाश रखकर चमत्कार का इंतजार कर रहे थे घरवाले, पुलिस को करवाना पड़ा अंतिम संस्कार

सार

गाजीपुर के भुडकुडा थाने के सिसवार गांव निवासी अरविंद वनवासी की चार साल की बेटी को गुरुवार शाम पेट दर्द शुरू हुआ।जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आ गए। वहां डाक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन उसे उसकी ननिहाल मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के कारूबीर ले गए। वहां पर तीन दिनों परिजन मृत बच्ची के शव को घर पर रखकर उसके सामने बाइबिल पढ़ते हुए प्रभु यीशु की प्रार्थना कर रहे हैं

मऊ(Uttar Pradesh ).  यूपी के मऊ जिले में एक चौंकाने वाले मामला सामने आया है। यहां चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के कारूबीर में एक 4 साल की मासूम बच्ची का शव तीन दिन से रखकर परिजन उसके सामने प्रार्थना कर रहे हैं। दरअसल गाजीपुर जिले के भुड़कुड़ा थाना इलाके में एक 4 वर्षीय मासूम बच्ची अचानक शुरू हुए पेट दर्द के बाद मौत हो गई थी। तीन दिन पहले हुई इस घटना के बाद भी परिजनों ने मासूम के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। परिजन उसका शव रखकर पूजा करने में मशगूल हैं। इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो पुलिस उन्हें समझाने पहुंची,लेकिन उन्होंने पुलिस की बात मानने से इंकार करते हुए पूजा में जुटे हुए हैं। 

बता दें कि गाजीपुर के भुडकुडा थाने के सिसवार गांव निवासी अरविंद वनवासी की चार साल की बेटी को गुरुवार शाम पेट दर्द शुरू हुआ।जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आ गए। वहां डाक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन उसे उसकी ननिहाल मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के कारूबीर ले गए। वहां पर तीन दिनों परिजन मृत बच्ची के शव को घर पर रखकर उसके सामने बाइबिल पढ़ते हुए प्रभु यीशु की प्रार्थना कर रहे हैं।

धर्मगुरू के कहने पर हुए हैं गुमराह 
लोगों की माने तो मृतक मासूम बच्ची के परिजन एक धर्मगुरू के कहने पर गुमराह हो गए हैं। वह अंधविश्वास में पड़ कर इस अपेक्षा में हैं कि प्रभु यीशु इस मृतक बच्ची को पुनर्जीवित कर देंगे। इसीलिए वह अपने धर्मगुरू के कहने पर बच्ची के शव के पास बैठकर बाइबिल पढ़ रहे हैं। 

अन्धविश्वास फैलाने वाले पर होगी कार्रवाई 
मामले में एसओ  चिरैयाकोट विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया गया कि मृतक का जीवित होना सम्भव नहीं लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं। किसी तरह से समझाबुझा कर बच्ची का अंतिम संस्कार कराया गया है। इस बारे में जौनपुर निवासी उनके धर्मगुरू से भी बात की गई उन्होंने साफ़ इंकार किया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हांलाकि इसकी जांच की जाएगी कि लोगों में इस तरह के अन्धविश्वास कौन फैला रहा है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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