देर रात घर में सो रहे किसान की गला काटकर हुई हत्या, पड़ोसी ने परिजनों को दी जानकारी, जांच में जुटी पुलिस

यूपी के बागपत में सो रहे किसान की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या हुई है। परिजनों ने आनन-फानन में घायल को अस्पताल पहुंचाया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

Hemendra Tripathi | Published : Jul 4, 2022 6:20 AM IST

बागपत: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीते रविवार को किसानों से जुड़ी हुई दो गंभीर घटनाओं ने लोगों को हैरत में डाल दिया। एक तरफ यूपी के झांसी में एक किसान ने लेखपाल और अफसरों से परेशान होकर फांसी लगा ली तो वहीं, दूसरी तरफ यूपी के बागपत (Baghpat) जिला स्थित बालैनी थाना इलाके के एक गांव में सो रहे किसान की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। थाना बालैनी के प्रभारी निरीक्षक विरजाराम ने बताया कि थाना क्षेत्र के मविकलां गांव निवासी श्यामवीर (45) की शनिवार की रात घर में सोते समय धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई।

घर में सोते समय रेत दिया किसान का गला
पुलिस ने थाने में दी गई तहरीर के हवाले से बताया कि शनिवार रात को श्यामवीर अपने घर में सो रहा था और उसके पास ही घर के सामने रहने वाला शकील सो रहा था। देर रात करीब डेढ़ बजे श्यामवीर के चिल्लाने की आवाज सुनकर शकील की आंख खुली, तो वह भागकर उनके घर पहुंचा और घटना की जानकारी दी। परिजनों ने मौके पर आकर देखा तो श्यामवीर का गला कटा हुआ था और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोट लगी हुई थी। श्यामवीर की मेरठ अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले में पूछताछ के लिए गांव के ही कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। किसान के परिजनों ने कहा कि उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं है। 

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झांसी में किसान में अफसरों से परेशान होकर कर ली आत्महत्या
ऐसा ही एक मामला यूपी के झांसी जिले से आया, जहां एक किसान की हत्या नहीं बल्कि अफसरों की ओर से मिल रही प्रताड़ना से परेशान होकर किसान ने एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस को एक सुसाइड नोट में मिला, जिसमें कानूनगो और लेखपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि किसान खेत नपाई कराने के लिए इनके पास गया था लेकिन दोनों ने अलग अलग 8 से 10 हजार रूपए की मांग की। जब आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बात कही गई तो अफसरों ने खेत नपाई से इंकार करते हुए मर जाने की बात कही। जिसके बाद आहत होकर किसान ने आत्महत्या कर ली।

खेत नपाई की मांग लेकर पहुंचे किसान से लेखपाल और कानूनगो ने कहा 'मर जाओ', मायूस लौटे किसान ने कर ली आत्महत्या

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