24 बच्चों को बेटी की बर्थडे पार्टी का बहाना कर बुलाया था और घर में बंधक बना लिया था। आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल की अगुवाई में सुभाष बाथम की अगुवाई में एनकाउंटर कर दिया था, जबकि भीड़ ने उसकी पत्नी रूबी की पिटाई कर दिया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
फर्रुखाबाद (Uttar Pradesh)। मोहम्मदाबाद क्षेत्र के गांव करथिया में 24 बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे बदमाश सुभाष बाथम और उसकी पत्नी रूबी का आज दोबारा पोस्टमॉर्टम होगा। वहीं, रिश्तेदारों ने दोनों के शव को लेने से इनकार कर दिया है। ऐसे में पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस शवों का अंतिम संस्कार करेगी। बता दें कि सुभाष बाथम की पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था, जबकि उसकी पत्नी की ग्रामीणों ने पिटाई कर दिया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
इसलिए दूसरे गांव चली गई थी मां
सुभाष के घर के पास रहने वाले देवेंद्र बताते हैं कि सुभाष चोर उच्चका था। अपनी सब जायदाद बेचकर खा गया था। मां भी इसे छोड़कर दूसरे गांव अपनी बहन के घर चली गई थी।
19 साल पहले मौसा की सुभाष ने की थी हत्या
एएसपी त्रिभुवन सिंह ने बताया था कि सुभाष बाथम पड़ोसी की हत्या के आरोप में जेल में था। उसने 2001 में अपने मौसा की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह 10 साल तक जेल में रहा। हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर बाहर आया था।
दो साल पहले की थी शादी
देवेंद्र बताते हैं कि दो साल पहले सुभाष बाथम ने छोटी जाति की रूबी से शादी कर ली। उसके चाल चलन को देखते हुए गांव वालों और रिस्तेदारों ने उसको बहिष्कृत कर दिया था। वह भी लोगों से कम ही बात करता था।
क्रॉस फायरिंग में मारा गया था सुभाष बाथम
30 जनवरी की रात सुभाष बाथम ने बर्थडे के नाम पर 24 बच्चों को अपने घर बुलाकर बंधक बना लिया था। हालांकि पुलिस ने करीब 11 घंटे बाद सभी मासूम बच्चों को सुरक्षित छुड़ाने में कामयाब रही। इस दौरान पुलिस ने क्रॉस फायरिंग में सुभाष बाथम को ढेर कर दिया था।
सिरफिरे के पत्नी को बचाना चाहती थी पुलिस
सुभाष बाथम की पत्नी रूबी की पिटाई पुलिस की मौजूदगी में की गई थी, जिसमें वो घायल हो गई थी। उसको अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जहां उसकी भी मौत हो गई थी। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया था कि सुभाष बाथम की पत्नी को बचाने की कोशिश की गई थी।