अवैध खनन से परेशान स्वयंसेवकों ने उठाया अनोखा कदम, सीएम योगी को खून से लिखा पत्र

फतेहपुर में बुंदेलखंड राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष ने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है। जिसमें लिखा है कि खनन माफिया स्थानीय प्रशासन की सेटिंग से अवैध खनन को अंजाम देने में लगे हुए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 22, 2022 7:29 AM IST

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के जिले फतेहपुर में अवैध खनन को रोकने के लिए अनोखा तरीका निकाला है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है। राज्य में योगी सरकार लगातार अवैध खनन को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। सूबे में कही भी अवैध खनन की जानकारी मिलती है तो उसके खिलाफ ठोस कदम उठाया जाता है।  इसके बावजूद खनन माफिया स्थानीय प्रशासन की सेटिंग से अवैध खनन को अंजाम देने में लगे हुए हैं। इसके बावजूद खनन माफिया स्थानीय प्रशासन की सेटिंग से अवैध खनन को अंजाम देने में लगे हुए हैं। शहर में बुंदेलखंड राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष ने खून से लिख कर एक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है।

बैठक में अवैध खनन को लेकर तैयार की रूपरेखा
सूबे की योगी सरकार लगातार अवैध खनन को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है, ऐसे में कहीं पर भी अगर अवैध खनन की शिकायत मिलती है तो सरकार उस पर कड़ा एक्शन लेती है। यमुना में हो रहे अवैध खनन के विरोध में स्वयंसेवकों ने अपने खून से सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। स्वयंसेवकों का कहना है कि खनन माफियाओं द्वारा लगातार कालिंदी को छलनी करके एनजीटी के मानकों को ढेंगा दिखाया जा रहा है। ऐराया ब्लाक के हरदो गांव में बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसवेकों ने शुक्रवार को आवश्यक बैठक बुलाई। इस बैठक में अवैध खनन के मुद्दे पर विस्तृत रूपरेखा तैयार की।

खदानों पर नियमों की उड़ी रही धज्जियां
बुंदेलखंड राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने किशुनपुर व धाता थाने के गांवों में संचालित मोरंग खदानों पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर जारी खनन को लेकर स्वयंसेवकों ने चिंता जाहिर की। स्वयंसेवकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखकर खनन माफियाओ से नदी, जल, जलीय जीव, सड़क, खेत-खलिहान व किसानों के संरक्षण की मांग की। फतेहपुर की खागा तहसील के किशनपुर और धाता थाना क्षेत्र के तहत पडने वाली सलेमपुर और रानीपुर मोर खदानों में इन दिनों जमकर ओवरलोडिंग के साथ-साथ अवैध खनन किया जा रहा है।

एनजीटी नियमों के विरुद्ध काम किया जा रहा काम
स्वयंसेवकों ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि जनपद के सभी खनन खंडों में संचालकों द्वारा एनजीटी नियमों के विरुद्ध काम किया जा रहा है। उनके द्वारा लिखे पत्र में जलधारा से अवैध खनन को लेकर वायरल हो रहे वीडियो का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होंने बताया कि यमुना नदी के अस्तित्व को अवैध खनन से खतरा है। एनजीटी के मानकों के साथ-साथ नियमों को ताक पर रखकर स्थानीय प्रशासन की सेटिंग से पूरे खेल को अंजाम दिया जा रहा है। स्वयंसेवकों ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि जनपद के सभी खनन खंडों में संचालकों द्वारा एनजीटी नियमो के विरुद्ध काम किया जा रहा है।
 
बड़ी बूम वाली मशीनों से किया जा रहा खनन
प्रवीण पाण्डेय ने बताया कि नदी की जल धारा को रोककर बड़ी बूम वाली मशीनों से दिन-रात मोरंग खनन होता है। इतना ही नहीं नास्त्रोदमस त्रिपाठी राजा ने खदानों तक आने जाने वाहनों से उड़ती धूल से बर्बाद होती किसानों के फसलों को बचाने की भी मांग की है। एबीवीपी के अक्षय ने बरसात के मौसम से पहले सड़कों की मरम्मत कराए जाने की बात पत्र में लिखी है। गंगा समग्र के जिला सह संयोजक राम प्रसाद विश्वकर्मा ने लिखा कि अवैध खनन, ओवलोड वाहनों की वजह से सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होता है। बच्चा तिवारी ने ओवरलोड ट्रकों से हो रही मार्ग दुर्घटनाओं व ध्वस्त होती सड़कों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाया। मानस तिवारी, गगन तिवारी, महान बाजपेई, अमित वर्मा, रवि वर्मा, महेंद्र सिंह आदि ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखकर गंभीर समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। साथ ही यमुना तटवर्ती गांवों की बदहाली बढ़ती जा रही है।

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