आर्थिक रूप से परेशान दलित छात्रा नहीं भर पाई IIT की फीस, योग्यता से प्रभावित हाईकोर्ट के जज ने की मदद

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक दलित छात्रा ने याचिका दाखिल करते हुए अपने पिता की बीमारी के चलते हो रही आर्थिक समस्याओं का जिक्र किया। उसने लिखा कि आर्थिक हालत बुरी होने से वह फीस नहीं जमा कर पाई। जिसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने उस दलित छात्रा की योग्यता से प्रभावित होकर खुद उसकी फीस भर दी।
 

Pankaj Kumar | Published : Nov 30, 2021 11:45 AM IST / Updated: Nov 30 2021, 05:39 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट(Allahabad High Court) के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह एक दलित छात्रा की योग्यता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खुद उसकी फीस भर दी। उन्होंने जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी(Joint Seat Allocation Authority) और आईआईटी बीएचयू (IIT BHU)को भी निर्देश दिए कि छात्रा को तीन दिन में दाखिला दिया जाए। अगर सीट न खाली हो तो अतिरिक्त सीट की व्यवस्था की जाए।

छात्रा ने दाखिल की थी याचिका, फीस व्यवस्था के लिए कुछ दिन की मांगी थी मोहलत
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में छात्रा ने बताया कि उसके पिता की किडनी खराब हैं। उनकी बीमारी व कोविड की मार के कारण परिवार की आर्थिक हालत बुरी होने से वह फीस नहीं जमा कर पाई। उसने जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी को पत्र लिखकर फीस जमा करने के लिए मोहलत मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मजबूरन उसे कोर्ट आना पड़ा। उसने मांग की थी कि फीस की व्यवस्था करने के लिए कुछ और समय दिया जाए।

Latest Videos

शुरू से ही रहा अच्छा परफॉर्मेंस
आपको बता दें कि दलित छात्रा पढ़ाई के मामलों में हमेशा अव्वल रही है। उसने दसवीं की परीक्षा में 95 प्रतिशत तथा बारहवीं कक्षा में 94 प्रतिशत अंक हासिल किये थे। वह जेईई की परीक्षा में बैठी और उसने मेन्स में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए तथा उसे बतौर अनुसूचित जाति श्रेणी में 2062 वां रैंक हासिल हुआ। उसके बाद वह जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल हुई जिसमें वह 15 अक्टूबर 2021 को सफल घोषित की गई और उसकी रैंक 1469 आयी।

आईआीटी बीएचयू में मिली सीट
इसके पश्चात आईआईटी बीएचयू में उसे गणित एवं कम्पयूटर से जुड़े पंच वर्षीय कोर्स में सीट आवंटित की गई। किन्तु वह दाखिले की लिए जरूरी 15 हजार की व्यवस्था नहीं कर सकी और समय निकल गया। वह दाखिला नहीं ले पाई। उसने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उसे फीस की व्यवस्था करने के लिए कुछ और समय दे दिया जाए। 

वकील तक का नहीं कर सकी इंतजाम
छात्रा इतनी गरीब है कि वह अपने लिए एक वकील का भी इंतजाम भी नहीं कर सकी थी। इस पर अदालत के कहने पर अधिवक्तागण सर्वेश दुबे एवं समता राव ने आगे आकर छात्रा का पक्ष रखने में अदालत का सहयेाग किया।

हफ्ते में दो बार होती है पिता का डायलसिस
छात्रा ने याचिका में कहा कि उसके पिता के गुर्दे खराब हैं और उसका प्रत्यारोपण होना है। अभी उनका सप्ताह में दो बार डायलसिस होता है। ऐसे में पिता की बीमारी एवं कोविड की मार के कारण उसके परिवार की आर्थिक हालत बुरी होने के कारण वह समय पर फीस नहीं जमा कर पाई। जबकि वह प्रारम्भ से ही एक मेधावी छात्रा रही है।

Share this article
click me!

Latest Videos

Kolkata RG Kar Medical Collage Case LIVE: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई
LIVE: पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाले एथलीटों और कोचों के लिए सम्मान कार्यक्रम
Congress LIVE: अभिषेक सिंघवी और श्री जयराम रमेश द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग।
Supreme Court On Bulldozer Action: SC ने सरकारों को अब ढंग से समझा दिया
PM Modi LIVE: हरियाणा के पलवल में एक सार्वजनिक बैठक