यूपी पुलिस के इतिहास में पहली बार डकैत को मारने पर पुलिस अधिकारियों को सरकारी पिस्टल आजीवन रखने का इनाम मिला है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इससे टीम का उत्साह बढ़ेगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब टीम को नगद इनाम के साथ पिस्टल भी मिलेगी।
लखनऊ: पुलिस विभाग में जवानों के ट्रेनिंग के बाद दिए जाने वाले हथियार सेवा काल समाप्ति के साथ ही वापस ले लिए जाते हैं। हालांकि ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब 7 पुलिस अफसर आजीवन विभाग से मिली पिस्टल को साथ रख सकेंगे। दरअसल उन्हें यह पिस्टल इनाम के तौर पर दी जा रही है। यह इनाम उनकी दिलेरी को हमेशा याद दिलाता रहे इस वजह से पिस्टल उन्हें दी जा रही है।
पहली बार इनाम में दिया जा रहा शस्त्र
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक का पर्याय बन चुके डकैत गौरी यादव उर्फ उदयभान को टीम ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। एसटीएफ की इस टीम को इनाम में 3-3 लाख रुपए मिलने के साथ ही पिस्टल भी मिलेगी। प्रदेश में पहली बार ऐसा होगा जब डकैत या बदमाशों को मारने वाली टीम को यह इनाम मिलेगा। नगद पुरस्कार पूर्व में भी टीम को कई बार दिया जा चुका है। हालांकि पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब डकैत या बदमाशों को मारने वाली टीम को इनाम में शस्त्र दिया जा रहा है।
स्वीकृति के लिए भेजी गई रिपोर्ट पर मिली संस्तुति
इनाम को लेकर पुलिस महानिदेशक के द्वारा इसको लेकर रिपोर्ट भेजी गयी है। इस रिपोर्ट पर अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश ने स्वीकृति दे दी है। अफसरों का कहना है कि इससे टीम का हौसला और भी बढ़ेगा।
20 वर्षों से था डकैत गौरी यादव का आतंक
चित्रकूट के जंगली क्षेत्र के पाठा के बहिलपुरवा थाना अंतरर्गत क्षेत्र बिलहरी मजरा ददरीमाफी निवासी डकैत गौरी यादव का आतंक काफी लंबे समय से था। वह दुर्दांत डी-13 गैंग का सरगना भी था। डकैत गौरी के ऊपर पांच लाख रुपए का इनाम भी था।
यूपी के अलावा मध्य प्रदेश में भी थे मुकदमे
गौरी यादव पर उत्तर प्रदेश में 31 और मध्य प्रदेश में 19 मुकदमें हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी के दर्ज थे। गौरी यूपी में दर्ज तकरीबन 18 मुकदमों में वांछित था। टीम लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई थी। इसी दौरान एसटीएफ को 29 अक्टूबर को उसकी लोकेशन बहिलपुरवा के माड़ो बांध के पास ददरी जंगल में मिली थी। लोकेशन मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के निर्देश पर अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ अमिताभ यश की अगुवाई में ददरी के जंगल में 9 सदस्यीय टीम ने कांबिंग की। इसके बाद जब 30 अक्टूबर की रात को मुठभेड़ हुई तो 50 राउंड से अधिक फायरिंग हुई। फायरिंग के बीच ही गौरी यादव को ढेर किया गया।
टीम के इन सदस्यों को मिलेगा इनाम
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार
अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ अमिताभ यश
निरीक्षक जय प्रकाश राय
उप निरीक्षक संतोष सिंह
उप निरीक्षक अमित तिवारी
मुख्य आरक्षी राजकुमार शुक्ला
आरक्षी शिवानंद शुक्ला
कमांडो विनोद कुमार सिंह
कमांडो अस्तभान यादव