यूपी में पहली बार होगी वीडियो कांफ्रेंसिंग से कैबिनेट की मीटिंग, लिए जा सकते हैं कई बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सांसद निधि के फंड को 2 साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। साथ ही कोरोना से निपटने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का भी फैसला लिया है। यह फैसला 1 अप्रैल 2020 से लागू माना जाएगा

Ankur Shukla | Published : Apr 7, 2020 1:08 PM IST / Updated: Apr 07 2020, 07:07 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में पहली बार कैबिनेट की मीटिंग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली है। यह मीटिंग बुधवार की शाम पांच बजे होने की संभावना है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर योगी की इस कैबिनेट मीटिंग में एमएलए-एमएलसी के वेतन में 30 फीसदी की कटौती को लेकर नए अध्यादेश पर मुहर लग सकती है। साथ ही दो वर्ष तक विधायक निधि सस्पेंड करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग सकती है। साथ ही कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में कई और बड़े फैसले ले सकती है।

पीएम की अगुवाई में लिया जा चुका है यह निर्णय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सांसद निधि के फंड को 2 साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। साथ ही कोरोना से निपटने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का भी फैसला लिया है। यह फैसला 1 अप्रैल 2020 से लागू माना जाएगा। इस फैसले के तत्काल बाद ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी स्वेच्छा से साल भर तक तीस फीसद कम वेतन लेने का ऐलान किया है।

सीएम ने स्‍वागत करते हुए कही थी ये बातें 
केंद्र सरकार के इस फैसले का सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार भी सभी विधायकों की सैलरी में कटौती और विधायक निधि को दो साल के लिए सस्पेंड करेगी। केंद्र के फैसले की कॉपी मिलने के बाद यूपी सरकार अध्यादेश के जरिए इसे लागू करेगी।

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