रामइकबाल अक्सर अपने बयानों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। उनके बयानों से यह अटकलें पहले से लगाई जा रही थीं कि वह जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं। वह विधासभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (Up election 2022) से पहले भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह (Ram Iqbal Singh ) ने सोमवार को अपने समर्थकों के साथ समाजवादी (SP) का दामन थाम लिया। राम इकबाल सिंह बलिया की चिलकहर विधानसभा सीट से 2002 में विधायक बने थे। सपा की ओर से सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से यह जानकारी दी गयी है। राम इकबाल सिंह ने यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात कर सपा की सदस्यता ग्रहण की।
सपा के आधिकारिक ट्विटर हेंडल पर दी गई जानकारी
सपा के आधिकारिक ट्विटर हेंडल पर बताया गया, सपा का बढ़ता कारवां। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बलिया की चिलकहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह जी अपने साथियों के साथ सपा में हुए शामिल। आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।अखिलेश द्वारा सिंह को पार्टी में शामिल कराये जाते हुये तस्वीर भी पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर साझा की गयी है। रामइकबाल अक्सर अपने बयानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। उनके बयानों से यह अटकलें पहले से लगाई जा रही थीं कि वह जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं। वह विधासभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं।
राम इकबाल सिंह का भाजपा पर हमला
राम इकबाल सिंह कई बार मोदी सरकार की आलोचना को लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं। उन्होंने कृषि कानूनों पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था कि ये कानून वापस लेना चाहिए। अगर किसानों के हित से बारे में सोचना है तो बेहतर है कि सरकार किसानों से सहमति लेकर नया बिल लेकर आए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा था कि सरकार को किसानों के खून से नहाने की आदत अब बंद कर देनी चाहिए। पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' मामले पर कहा था कि उनके उकसावे वाले भाषण की वजह से ही लखीमपुर खीरी कांड हुआ था। सरकार ने लखीमपुर कांड को लेकर अपनी किरकिरी कराई है। इससे विपक्षियों को राजनीति करने का करने का मौका मिल गया है। राम इकबाल सिंह ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार की तैयारियों पर भी सवाल उठाए थे।