BJP में शामिल हुए पूर्व आईपीएस असीम अरुण, अब खेलेंगे सियासी पारी

बीजेपी ज्वाइन करने के बाद असीम अरुण ने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं, संतुष्ट हूं। बीजेपी की नए नेतृत्व को विकसित करने की सोच है। वो इसे एक योजना के तरह चलाते हैं। मैं भी इसी योजना की एक कड़ी हूं। मैं पार्टी का बहुत आभारी हूं कि मुझे ये अवसर दिया। साथ ही कहा कि एक सिस्टम के तहत समस्याओं का निवारण होना चाहिए। जिस भी तरीके से पार्टी कहेगी काम करेंगे।
 

लखनऊ: कानपुर में पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात रहे आईपीएस अधिकारी असीम अरुण (AsimArun) ने बीते दिनों नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने का ऐलान कर दिया था। असीम अरुण ने लखनऊ स्थित पार्टी के कार्यालय में बीजेपी (BJP) की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद रहे। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद असीम अरुण ने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं, संतुष्ट हूं। बीजेपी की नए नेतृत्व को विकसित करने की सोच है। वो इसे एक योजना के तरह चलाते हैं। मैं भी इसी योजना की एक कड़ी हूं। मैं पार्टी का बहुत आभारी हूं कि मुझे ये अवसर दिया। साथ ही कहा कि एक सिस्टम के तहत समस्याओं का निवारण होना चाहिए। जिस भी तरीके से पार्टी कहेगी काम करेंगे।

पत्नी सहित खैर नगर की जनता का है साथ
आईपीएस की नौकरी से रिटायरमेंट लेने के बाद असीम अरुण रविवार को सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी कार्यालय लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने BJP की सदस्य्ता ग्रहण की। असीम अरुण ने बताया कि उन्होंने जनता की सेवा का पूरा खाका खींच लिया है। इसके बाद ही वह इस मैदान में उतरे हैं। जल्द ही वह कन्नौज खैर नगर अपने पैतृक आवास पर जाएंगे। इसके बाद अपनी विधानसभा सदर से चुनाव प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत से जुटेंगे। इस नई राह पर उनके साथ पत्नी ज्योत्सना और दोनों बच्चों के साथ कन्नौज खैर नगर की जनता है।

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सदर सीट से लड़ सकते हैं चुनाव 
1994 बैच के आइपीएस असीम अरुण कानपुर में पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे। आठ जनवरी को उन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति में आने का एलान कर सबको चौंका दिया था। इसके बाद से ही कन्नौज की सुरक्षित सदर सीट से चुनाव लडऩे की चर्चा है। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सबसे पहले अपनी मातृ भूमि कन्नौज के ठठिया थाना क्षेत्र के गांव गौरनपुरवा, खैरनगर जाएंगे। बता दें कि आइपीएस असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण भी पुलिस अफसर थे। उनकी मां शशि अरुण लेखिका थीं। असीम को देश की पहली जिला स्तरीय स्वाट गठित करने के लिए जाना जाता है।

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