पुलिस की गिरफ्त में आया नटवरलाल, CM बनकर किया फोन और BJP नेता से ले लिया था 40 लाख

UPSTF ने एक ऐसे नटवरलाल को गिरफ्तार किया है जो मुख्यमंत्री, राज्यपाल, और सीनियर अफसर बनकर अब तक दर्जनों लोगों को करोड़ो का लगा चुका है। यूपी एसटीएफ ने जमशेदपुर से शातिर ठग रंजन कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है

लखनऊ(Uttar Pradesh).  UPSTF ने एक ऐसे नटवरलाल को गिरफ्तार किया है जो मुख्यमंत्री, राज्यपाल, और सीनियर अफसर बनकर अब तक दर्जनों लोगों को करोड़ो का लगा चुका है। यूपी एसटीएफ ने जमशेदपुर से शातिर ठग रंजन कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है। रंजन के खिलाफ फरवरी 2020 में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें उसने यूपी राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर राजमणि को यूपी का एक सीनियर अफसर बन के फोन किया था और 8 लाख रुपये मांगे थे।

इस नटवरलाल की ठगी के स्टाइल की कल्पना इसी से की जा सकती है कि वर्ष 2008 में झारखंड के तत्कालीन सीएम मधु कोड़ा बनकर बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा से एक अकाउंट में 40 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिया था। रंजन के खिलाफ यूपी, एमपी, झारखंड, बिहार, असम और गुजरात में धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं ।

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JTRI के चेयरमैन को चीफ जस्टिस बनकर किया फोन तब पीछे लगी STF 
शातिर ठग रंजन मिश्रा की उल्टी गिनती शुरू तब शुरू हुई जब अगस्त 2019 में जब उसने लखनऊ में न्यायिक अधिकारियों के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट जेटीआरआई के चेयरमैन को चीफ जस्टिस बनकर फोन किया और 10 लाख रुपये एक अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा। इसके बाद ही रंजन के पीछे एसटीएफ लग गई थी। जनवरी 2020 में इटावा में तैनात यूपी निर्माण निगम के एक इंजीनियर को विभाग का प्रमुख बनकर फोन किया और लाखों मांगे थे। इसकी रिपोर्ट सैफई थाने में दर्ज है।

राज्यपाल बनकर विधायकों से मांगे थे पैसे 
फरवरी 2020 में रंजन ने खुद को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बता कर वहां के 4 विधायकों से लाखों रुपए मांगे थे. इस मामले में मध्य प्रदेश के सागर जिले में एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं साल 2018 में जेल जाने से पहले केरल के बिजली और पीडब्ल्यूडी विभाग के चार ठेकेदारों से 20 लाख रुपए सीतामढ़ी के राकेश कुमार के खाते में जमा करवा लिए थे। इसी साल बिजली विभाग का एमडी बनकर दिल्ली के बिजली ठेकेदार से 5 लाख रुपये एक खाते में जमा करवा लिए थे।

बिहार के दर्जनों अधिकारियों को ठग चुका है रंजन
एसटीएफ के मुताबिक, वर्ष 2011 में पटना के बेउर जेल में बंद रहने के दौरान भी उसकी ठगी जारी थी। बिहार के कई जिलों का डीएम बनकर एसडीएम को ठग चुका है। साल 2011 में रंजन ने ग्वालियर के जिला निर्वाचन अधिकारी को मुख्य चुनाव आयुक्त बनकर फोन किया था और एचडीएफसी के खाते में 2 लाख रुपये जमा करवा लिए थे। वर्ष 2017 में बिजली विभाग का अधिकारी बनकर छत्तीसगढ़ के एक ठेकेदार से 5 लाख रुपये एक खाते में जमा करवा लिए थे।

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