यूपी में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद शपथग्रहण को लेकर तैयारी जारी है। इस बीच योगी आदित्यनाथ के अजेय सफर को लेकर भी लगातार चर्चाएं हो रही हैं। योगी आदित्यनाथ का अजय सिंह बिष्ट से लेकर दूसरी बार यूपी के सीएम बनने तक का सफर काफी सुर्खियों में रहा है।
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ 2.0 के शपथग्रहण को लेकर लगातार तैयारी जारी है। बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शपथग्रहण का भव्य आयोजन होना है। योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से उत्तराखंड के पहाड़ों से निकलकर नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े पीठ के महंत बनने और फिर यूपी के मुख्यमंत्री बनने का सफर तय किया वह अपने आप में अद्वितीय है। इस सफर के बीच उन्होंने कभी भी पलटकर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने 2022 में 37 साल के इतिहास को बदलकर पुनः उत्तर प्रदेश में जीत का परचम फहराया। भाजपा ने यूपी का चुनाव उनके ही नाम पर लड़ा था जिसके बाद पार्टी को यह ऐतिहासिक जीत हासिल हुई।
सबसे बड़ी पीठ के महंत से लेकर सीएम तक का सफर
योगी आदित्यनाथ न सिर्फ नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े गोरक्षपीठ के महंत हैं बल्कि उनके नाम कई और रिकॉर्ड भी दर्ज है। योगी आदित्यनाथ के इस सफर को लेकर हमेशा ही चर्चाएं होती रहती है। उन्होंने विकास के मुद्दों की राजनीति करते हुए अपने करियर में महज 42 साल की उम्र में 5 बार लगातार सांसद बनने का भी रिकॉर्ड बनाया है। इसके बाद उन्हें 2017 में पहली बार उत्तर प्रदेश का सीएम बनाया गया। 2022 के चुनाव में जब बीजेपी को फिर से ऐतिहासिक जीत मिली तो विधानमंडल दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी।
गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था जन्म
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने नाथ संप्रदाय में शामिल होने के बाद पूरे प्रदेश और देश को अपने परिवार के तौर पर बताया। उन्होंने श्रीनगर के गढ़वाल से गणित में बीएससी की है। साल 1993 में वह गणित से एमएससी करने के लिए गोरखपुर आए और उन्होंने ब्रह्मलीन मंहत अवेद्यनाथ से सन्यासी बनने की इच्छा प्रकट की। महंत जी ने पहली बार तो उनकी इच्छा को खारिज कर दिया लेकिन बाद में वह भी इसके लिए राजी हो गए। कहा जाता है कि जब दोबारा अजय सिंह बिष्ट वापस आए तो महंत अवेद्यनाथ को भी विश्वास हो गया कि गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बनकर इस पीठ को आगे ले जाने का कार्य इनके अलावा कोई नहीं कर सकता। इसके बाद 15 फरवरी 1994 को गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान उन्होंने ब्रह्मलीन अवेद्यनाथ से दीक्षा ली और योगी बन गए।
1998 में जीता लोकसभा का चुनाव
योगी आदित्यनाथ ने 1996 में लोकसभा चुनाव में महंत अवेद्यनाथ के चुनाव का संचालन किया। हालांकि 1998 में महंत ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया। यहीं से 26 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीतकर योगी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। योगी हर चुनाव में जीत के वोटों के अंतर को लगातार बढ़ाते गए। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने स्टार प्रचारक की भूमिका का निर्वहन भी किया।
2017 में पहली बार ली सीएम पद की शपथ
2017 के चुनाव में जब यूपी में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने का फैसला लिया। इसके बाद उन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अपने कार्यकाल के दौरान भी योगी आदित्यनाथ खासा चर्चाओं में रहे। इसके बाद पार्टी ने 2022 का चुनाव उनके ही चेहरे पर लड़ा और जीत हासिल की।
योगी आदित्यनाथ के जीवन से जुड़ी अहम तिथियां
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