18 साल पहले मरा समझ कर दिया था अंतिम संस्कार, अब जिंदा लौट आया वो शख्स

घर से कमाने के लिए पंजाब गया शख्स जब तकरीबन 18 साल तक घर नही लौटा तो पत्नी व घर के अन्य सदस्यों ने उसे मरा समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। उसका एक पुतला बनाकर चिता पर रखकर आग के हवाले कर दिया गया और हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन अब वही शख्स वापस लौट आया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 3, 2020 8:30 AM IST

गोरखपुर(Uttar Pradesh).  किस्मत भी कभी-कभी ऐसे खेल खेलते है जिसे सुनकर आपकी रोंगटे खड़े हो जाएं। गोरखपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। घर से कमाने के लिए पंजाब गया शख्स जब तकरीबन 18 साल तक घर नही लौटा तो पत्नी व घर के अन्य सदस्यों ने उसे मरा समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। उसका एक पुतला बनाकर चिता पर रखकर आग के हवाले कर दिया गया और हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन अब वही शख्स वापस लौट आया है। उसे वापस देखकर उसकी बेटियों व परिवार के खुशी का ठिकाना नही है।

गोरखपुर के सालिकराम पादरी बाजार के रहने वाले बेचन परिवार के भरण-पोषण के लिए अक्तूबर 2002 में पंजाब गए थे । मेहनत, मजदूरी की लेकिन घर नहीं लौट सके। कुछ दिन बाद हरियाणा, फिर दिल्ली में मजदूरी करके अपना पेट भरते और फुटपाथ पर सो जाते। लॉकडाउन हुआ तो कामकाज बंद हो गया। खाने के लाले पड़ गए तो बेचन को अपना परिवार याद आया। वह ट्रक से 5 मई को पादरीबाजार आ गए। बेचन के वापस लौटने से नाराज पत्नी अपने मायके चली गई। उसका कहना है कि जब चार बेटियों को लेकर ठोकर खा रहे थे तब इन्हें परिवार की याद नही आई। अब खुद के खाने के लाले पड़े तो वापस लौट आए।

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गोद में छोड़कर गया था मासूम बेटी,नवम्बर में है उसकी शादी 
बेचन जब कमाने गया था तो उसकी चार मासूम बेटियों की परवरिश की जिम्मेदारी उसकी पत्नी चिंता देवी पर ही थी। लेकिन वह घर से क्या गया कभी पीछे मुड़ कर भी नही देखा। कुछ महीने इन्तजार के बाद जब उसने घर-परिवार की कोई सुधि नही ली तो उसकी पत्नी ने लोगों के घरों में बर्तन धुलने व झाड़ू-पोछा करने का काम कर बेटियों की परवरिश शुरू की। अब 20 साल बाद उसकी दो बेटियों की शादी भी हो चुकी है। तीसरी बेटी जी शादी तय हो गई है जो नवम्बर में होनी है।

बेचन के आने की खबर से पत्नी हुई गुस्सा 
बेचन भले ही 18 साल बाद लौट आए लेकिन उन्हें सारी खुशियां नसीब नहीं हुईं। उसके आने से नाराज पत्नी चिंता देवी घर छोड़कर मायके चली गई। उसका कहना है कि जब पति की जरूरत थी, एक-एक दाने और पैसे के मोहताज थे तो वे नहीं आए। अब काम नहीं मिला और खाने के लाले पड़े तो 18 वर्ष बाद लौट आए। ऐसे पति की जरूरत नहीं है, जो अपने घर और परिवार का ध्यान न रख सके।

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