हाल ही में दुष्कर्म के मामले में जमानत पर जेल से रिहा हुए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक और FIR दर्ज की गई है। ये FIR रेप पीड़िता के वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी की ओर से दर्ज करवाई गई है।
लखनऊ(Uttar Pradesh). हाल ही में दुष्कर्म के मामले में जमानत पर जेल से रिहा हुए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक और FIR दर्ज की गई है। ये FIR रेप पीड़िता के वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी की ओर से दर्ज करवाई गई है। यही नहीं वकील ने अपनी मुवक्किल रेप पीड़िता के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया है। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और जान से मारने की धमकी के मामले में FIR दर्ज की गई है। रेप पीड़िता के वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने पुलिस को धोखाधड़ी और जालसाजी के पुख्ता सबूत भी दिए हैं।
गायत्री प्रसाद प्रजापति के मामले में रेप पीड़िता के वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी का आरोप है कि जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद गायत्री प्रजापति ने पीड़िता को करोड़ों की संपत्ति ट्रांसफर किया। इसके भी पुख़्ता प्रमाण पुलिस को सौंपे गए हैं। जिसके तहत यह FIR दर्ज की गई है। वादी का कहना है कि मामले को रफा-दफा करने के लिए रेप पीड़िता और आरोपी के बीच करोड़ों का लेनदेन हुआ है।
दो दिन से बदल गए हैं रेप पीड़िता के सुर
ये पूरा मामला सपा शासन काल का ही है जब चित्रकूट की एक महिला ने तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद फ़रवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति के खिलाफ केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मामले में ट्विस्ट तब आया जब रेप पीड़िता ने कोर्ट में गायत्री प्रजापति के पक्ष में बयान दिए और कहा कि उसके और पूर्व मंत्री के बीच पिता व पुत्री जैसे संबंध हैं। साथ ही रेप पीड़िता ने मामले के मुख्य गवाह रामसिंह के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज करवाई। जिसके बाद 5 सितंबर को पुलिस ने रामसिंह को गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं रामसिंह को गिरफ्तार करने में दो इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह और क्राईम ब्रांच के इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड भी किया गया है। रामसिंह की गिरफ्तारी में दोनों इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध मिली थी।