यूपी के गाजियाबाद से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां अवैध रूप से शराब परोसी जा रही थी। इसी के साथ शराब का बिल शाही और मलाई पनीर के नाम पर काटा जा रहा था।
गाजियाबाद: राजनगर आरडीसी में दू फूड वर्कशॉप एवं टासा के नाम से रेस्टोरेंट और अवैध बार चलाने वाले बीजेपी नेता संजय कोहली के पास में लाइसेंस फूड वर्कशॉप के नाम पर था। इसका जीएसटी नंबर संजय की मां डिंपल कोहली के नाम पर दर्ज है। यहां ग्राहकों को अवैध बार में शराब परोसी जाती थी लेकिन उसका बिल मलाई, काली मिर्च, पनीर समेत खाने-पीने की चीजों के नाम पर दिया जाता था। बिल में कही भी शराब का जिक्र तक नहीं होता था। इसी के साथ सभी बिलों को एक ही जीएसटी नंबर पर काटा जा रहा था।
चौथी मंजिल और टेरिस पर थे खास इंतजाम
बीजेपी महानगर युवा कार्यकारिणी में शामिल होने के बाद संजय ने पार्टी के नेताओं से मेल-जोल बढ़ाया। इसके बाद अवैध धंधे ने रफ्तार पकड़ ली। हैरान करने वाली बात है कि बार का लाइसेंस न होने के बाद भी शहर में तमाम जगहों पर होर्डिंग लगाकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। यहां तक की इंटरनेट मीडिया पर भी जमकर विज्ञापन चलाए जा रहे थे। रेस्टोरेंट की चौथी मंजिल पर और टेरिस पर बने हुए मयखाने में लोगों के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए गए थे। यहां शराब परोसने के बाद बार-बालाओं का डांस भी होता था।
मलाई और शाही पनीर के नाम पर कटता था शराब का बिल
रिपोर्टस के अनुसार रशियन बार डांसर भी ऑन डिमांड यहां पहुंचती थी। जब शहर में रशियन डांसर की चर्चा हुई तो बार में भीड़ और भी बढ़ने लगी। लेकिन उसके बाद भी यहां आने वाले ग्राहकों को शराब का बिल मलाई पनीर और शाही पनीर समेत खाने के अन्य चीजों के नाम पर ही दिया जाता था। शराब का बिल न देकर सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा था। इस मामले में अब जीएसटी विभाग भी जांच करने की तैयारी में दिख रहा है। वहीं आबकारी विभाग के द्वारा जानकारी दी गई कि यदि यहां लाइसेंस लेकर बार का संचालन होता तो रोजाना तकरीबन 11 हजार रुपए का राजस्व मिलता। हालांकि अवैध बार चलाने से सरकार को यह नुकसान हुआ है।