यूपी के जिले गाजियाबाद में मधुबन बापूधाम में सोमवार को पैसे को लेकर हुए विवाद में बचपन के दो दोस्तों ने फावड़े से एक दूसरे की हत्या कर दी। एक दोस्त की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं दूसरे के इलाज के दौरान मौत हो गई। उधार के पैसे वापस नहीं करने की वजह से विवाद शुरू हुआ था।
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद में सोमवार की देर रात पैसों को लेकर विवाद में बचपन के दो दोस्तों के बीच खूनी संघर्ष हुआ और दोनों ने एक दूसरे की हत्या कर दी। इस वारदात की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी तो मौके पर पहुंची पुलिस तो एक की मौत हो चुकी थी और दूसरे की सांसे चल रही थी। आनन-फानन में पुलिस ने घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उधार लिए पांच लाख रुपये न चुकाने पर आपस में ही भिंड़ गए। एक फावड़े से दोनों एक दूसरे पर हमला करने में जुटे रहे।
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के मधुबन बापूधाम के दुहाई गांव में दो बचपन के दोस्त बृजपाल सिंह (48) और विकास सिंह (45) ने फावड़े से प्रहार कर एक-दूसरे की जान ले ली। यह हादसा सोमवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे खेत पर हुआ। इस खूनी संघर्ष में बुरी तरह लहूलुहान होकर गिर जाने तक दोनों एक-दूसरे पर हमला करते रहे। सदरपुर निवासी डेयरी संचालक विकास ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि कुछ दिन पहले तक क्लीनिक चलाने वाले दुहाई निवासी विकास ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हैरान करने वाली बात तो यह है कि फावड़ा एक ही था और दोनों उसी से एक-दूसरे पर प्रहार कर रहे थे।
दोनों दोस्तों के बीच पहले हुई खूब कहासुनी
विकास से पांच लाख रुपये बृजपाल के भाई अजय उर्फ सोनू ने उधार लिए थे। बृजपाल के घरवालों ने पुलिस को बताया कि अजय ने रकम चुकाई नहीं। वहीं अजय का कहना है कि वह तीन लाख रुपये लौटा चुका था, दो लाख जल्द ही लौटाने की बात कही थी। रविवार की रात उनके घर देवी का जागरण था। इस कार्यक्रम में विकास पत्नी सहित शामिल हुआ था। सोमवार सुबह जाते समय विकास ने कहा कि उधार ली गई रकम क्यों नहीं लौटा रहे हो तो अजय ने कहा था कि अब बहुत ज्यादा समय नहीं लगेगा। इस पर उसे तसल्ली नहीं हुई। वह तगादा करने के लिए खेत पर जा पहुंचा। वहां भाई बृजपाल काम कर रहा था। उससे उसने रकम की मांग की। दोनों में पहले कहासुनी हुई जो पहले झगड़े और फिर खूनी संघर्ष में बदल गई।
विकास के तसल्ली नहीं होने पर बृजपाल के पास पहुंचा
इस पूरे प्रकरण को लेकर एसपी निपुण अग्रवाल का कहना है कि दरअसल रविवार को बृजपाल और उनके परिवार के सदस्यों ने सप्तमी की वजह से भंडारा का आयोजन किया था। जब विकास को इसके बारे में पता चला, तो वह अपनी पत्नी के साथ बृजपाल के घर पहुंचे। उन्होंने बृजपाल से पूछा कि कैसे जब उनके पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं थे तो वे एक दावत का आयोजन कर सकते थे। लेकिन बृजपाल और सोनू ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे जल्द ही बकाया राशि का भुगतान करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि विकास पहले ट्रैक्टर की चाबियां ले गया, जिससे बृजपाल के साथ बहस हुई। जल्द ही, वे मारपीट करने लगे। उसके बाद विकास ने बृजपाल के सिर पर भी वार किया। उसके बाद बृजपाल ने किसी तरह फावड़ा छीनकर विकास पर हमला कर दिया। दोनों घायल हो गए और भारी खून बह रहा था।
दोनों परिवार की तरफ से नहीं मिली कोई तहरीर
दूसरी ओर मधुबन बापूधाम पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) मुनेश कुमार का कहना है कि शुरुआती जांच से पता चला है कि सोनू पैसे नहीं लौटाने का बहाना दे रहा था, जबकि विकास उसे बार-बार उकसाता था। दोनों परिवार एक-दूसरे को दशकों से जानते हैं। बृजपाल और विकास बचपन से दोस्त थे। आगे कहते है कि कुछ परिवार के सदस्य मौत के बाद भी लड़ाई में लगे रहे लेकिन पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाब रहे। मुनेश कुमार ने आगे कहा कि शांति सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में 50 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस को अब तक किसी भी परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है। फिलहाल पुलिस ने फावड़े को बरामद कर लिया है जिससे दोनों ने एक-दूसरे पर हमला किया था।