Gorakhpur News: योगी के गढ़ गोरखपुर ग्रामीण सीट पर बहुसंख्यक हैं मुस्लिम, जानिए क्या है जातीय समीकरण

सीएम योगी आदित्यनाथ के सीट का ऐलान होने के बाद गोरखपुर में चुनाव का उत्साह और भी बढ़ गया है। भाजपा यहां से पूर्वांचल की सीटों पर कब्जा करने की रणनीति पर काम कर रही है। बात अगर गोरखपुर ग्रामीण सीट की हो तो यहां सबसे अधिक व्यापारी और मुस्लिम हैं। परिसीमन के बाद यहां दो बार चुनाव हुए और भाजपा को जीत मिली। 

अनुराग पाण्डेय

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) के मैदान में आने से चुनाव का उत्साह बढ़ गया है। वहीं ये भी तय हो गया कि भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ को लड़ाकर पूर्वांचल की सीटों पर कब्जा करने की रणनीति पर काम कर रही है। योगी के लिए भी अब जरूरी हो गया है कि पूर्वांचल से लगाए गोरखपुर की 9 सीटों पर उनका असर दिखे। ऐसे में आज हम गोरखपुर की ग्रामीण सीट(Gorakhpur Gramin Seat) की बात करते हैं। जहां दो बार से लगातार भाजपा जीत जरूर हासिल कर रही है। लेकिन जीत हार का अंतर बेहद कम है। गौर करने वाली बात ये है कि गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र में अल्पसंख्यक कहे जाने वाले मुस्लिम जाति यहां बहुसंख्यक हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक दलित–निषाद और मुस्लिम वोटर हैं। ये वोटर अगर एक तरफ हो जाएं तो बड़े से बड़े नेता या पार्टी इनके सामने बौने साबित होंगे। आइए जानते हैं, क्या कहता है गोरखपुर ग्रामीण का जातीय समीकरण।

Latest Videos

वर्ष 2012 में बना गोरखपुर ग्रामीण
गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र वर्ष 2007 तक कौड़ीराम विधान सभा में था। वर्ष 2012 परिसीमन के बाद इसे गोरखपुर ग्रामीण नाम दिया गया। इसमें शहर क्षेत्र का वो हिस्सा भी शामिल हुआ जिसमे सबसे अधिक व्यापारी और मुस्लिम हैं। परिसीमन के बाद यहां दो विधान सभा चुनाव हुए। जिसमे भाजपा को जीत मिली। वर्तमान में यहां से भाजपा से विपिन सिंह विधायक हैं। वर्ष 2017 में विपिन सिंह ने सपा के कैंडिडेट विजय बहादुर यादव को कांटे की टक्कर में 4 हजार वोटों से हराया था।

जानें क्या है जातीय समीकरण
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में जातिगत आंकड़े की बात करें तो दलित-निषाद की कुल संख्या करीब 1 लाख 55 हजार है। मुस्लिम मतदाता यहां एक लाख 30 हजार के करीब हैं। ब्राह्मण 40 हजार, व्यापारी 40 हजार, क्षत्रिय मात्र 5 हजार और बाकि अन्य छोटी जातियों की संख्या यहां 30 से 35 हजार हैं (ये आकंड़ें अनुमानित हैं)। वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी के विपिन सिंह को कुल 83,686 वोट मिले थे। हारे कैंडिडेट सपा के विजय बहादुर यादव को 79,276 वोट मिले थे। जबकि निषाद पार्टी के डॉक्टर संजय निषाद भी 34,901 वोट हासिल किए थे। बीएसपी यहां चौथे स्थान पर रही और उसके प्रत्याशी राजेश पाण्डेय मात्र 30,097 वोट ही मिले थे।

न लड़ती निषाद पार्टी तो जीत जाती सपा 
ये माना जाता है कि अगर निषाद पार्टी यहां चुनाव नहीं लड़ती तो सपा इस सीट को जीत जाती। फिलहाल इस बार विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी का भाजपा से गठबंधन है। निषाद पार्टी ने गोरखपुर ग्रामीण सीट से टिकट भी मांगा है। जातिगत आंकड़े और निषाद वोट बैंक को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि यहां से भाजपा विधायक का टिकट कट सकता है। यहां की सीट भाजपा निषाद पार्टी को दे सकती है। इसको लेकर गोरखपुर में चर्चाओं का बाजार गरम है।

Exclusive: गोरखपुर से योगी को मिला टिकट, राधा मोहन बोले- क्षमाप्रार्थी हूं...

Share this article
click me!

Latest Videos

तेलंगाना सरकार ने क्यों ठुकराया अडानी का 100 करोड़ का दान? जानें वजह
महाराष्ट्र में सत्ता का खेल: एकनाथ शिंदे का इस्तीफा, अगला सीएम कौन?
Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal
संभल हिंसा पर कांग्रेस ने योगी और मोदी सरकार पर साधा निशाना