
गोरखपुर: मानसून की पहली ही बारिश के बाद ज्यादातर इलाकों में जलभराव हो गया। इस बीच जलनिकासी के तमाम दावे जो अधिकारियों की ओर से किए जा रहे थे वह डूब गए। ज्यादातर इलाकों में एक से दो फीट तक पानी भर गया। इस बीच कई इलाकों में घर और दुकाने तक जलमग्न नजर आई। इस दौरान सर्वाधिक दिक्कत अधूरे पड़े नालों की वजह से देखने को मिली।
जनता के साथ जनप्रतिनिधि भी दिखे आक्रोशित
सड़कों पर जलभराव के चलते ज्यादातर जगहों पर बड़ी आबादी घरों में कैद दिखाई पड़ी। इस बीच संसाधनों के आभाव और प्रशासन की कोताही पर जनप्रतिनिधियों का आक्रोश भी दिखाई दिया। कई जगहों पर संपवेल नहीं चलने से नाराजगी दिखी तो कई पंपों में डीजल खत्म होने से व्यवस्थाओं को लेकर आक्रोश दिखा। इस बीच जनता पूरी तरह से बदहाल नजर आई।
अखिलेश यादव ने वीडियो साझा कर साधा निशाना
गोरखपुर में जलभराव को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एक वीडियो साझा कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'हर घर तक नल की जगह हर घर जल पहुंचा दिया गया। उप्र में भ्रष्टाचार का नाला लबालब है। लगता है कि भाजपा सरकार गोरखपुर में जल पर्यटन को बढ़ावा दे रही है।'
अखिलेश यादव की ओर से जो वीडियो साझा किया गया उसमें स्थानीय पार्षद की ओर से कहा गया कि जलभराव के लिए नगर आयुक्त और महापौर जिम्मेदार हैं। बारिश से पहले ही इसको लेकर नगर आयुक्त से बात की गई थी। हालांकि उस दौरान नगर आयुक्त ने दावा किया था कि सफाई की ऐसी व्यवस्था करवाई गई है कि एक बूंद भी पानी नहीं भरेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सड़क पूरी तरह से जलमग्न है और स्थानीय लोगों का निकलना तक दूभर हो चुका है। तकरीबन 500 घरों में पानी पहुंचने के बाद लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।
डीएम आवास के बाहर की सड़क भी दिखी लबालब
बारिश के बाद डीएम कृष्णा करुणेश के आवास के बाहर की 50 मीटर दूर पर स्थित सड़क भी लबालब पानी से भरी नजर आई। सड़क पर जलभराव के चलते यहां से बच्चों का स्कूल जाना भी मुनासिब न हो सका। पिलर्स स्कूल परिसर में भी बारिश का पानी घुस गया। ईंट रखने के बाद किसी तरह से शिक्षक और अभिभावक अंदर दाखिल हो सके।
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