अयोध्या के अशोक और अतीक जैसे लोगों की ललकार, हमारे भाईचारे की नींव को कोई एक इंच नहीं हिला सकता

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले पर नवंबर के पहले सप्ताह में अपना फैसला सुना देगी

Asianet News Hindi | Published : Nov 1, 2019 6:27 AM IST / Updated: Nov 01 2019, 02:10 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh ). अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले पर नवंबर के पहले सप्ताह में अपना फैसला सुना देगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले के मद्देनजर देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं। सूत्रों की माने IB ने प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा भी किया है। यूपी पुलिस को ही ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पूरे देश में फैसले लो लेकर बेचैनी है लेकिन अयोध्या में इसे लेकर कुछ ख़ास उत्सुकता नहीं है। hindi.asianetnews.com ने इसे लेकर अयोध्या की आवाम से बात की। वहां के लोगों की बातें सुनकर वो सच सामने आया जो शायद अभी तक लोगों से दूर है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की रोज सुनवाई कर मामले को 40 दिन में निबटाने का फैसला लिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने लगातार 40 दिन तक अपनी दलीलें पेश किया। दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने व तमाम साक्ष्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। फैसला नवंबर में आने की उम्मीद है।

पूरे देश को फैसले का इन्तजार,लेकिन अयोध्या में कोई बेचैनी नहीं
गौरतलब है कि राम मंदिर विवाद के इस फैसले का इन्तजार पूरे देश को है। इस बहुप्रतीक्षित मामले पर पूरे देश की निगाह लगी हुई है। लेकिन अगर बात अयोध्या की करें तो वहां के लोगों में फैसले को लेकर कोई बेचैनी नहीं है।

- अयोध्या के नाका इलाके में रहने वाले सूर्यकांत पांडेय के अनुसार जब बाबरी मामला हुआ था तब भी अयोध्या के लोग इसी सौहार्द के साथ रहते थे जैसे आज हैं। यहां कभी कोई दंगा या साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने जैसी बात नहीं होती। सभी धर्मों के लोग साथ-साथ हंसी खुशी रहते हैं।

- चौक में बिजली के उपकरणों की मरम्मत करने वाले नौशाद अली का कहना है कि फैसला कोर्ट में है। आज तक मामले की सुनवाई हुई। लेकिन अयोध्या की आवाम पर कोई फर्क हुआ क्या ? अयोध्या में सभी धर्म के लोग एक दूसरे से मिल-जुल कर रहते हैं आगे भी ऐसे ही रहेंगे। कोर्ट का फैसला है किसके हक में आएगा ये कोर्ट जाने। इसका यहाँ के भाईचारे पर कोई फर्क पड़ने नहीं जा रहा है।

- कटरा इलाके में रहने वाले 85 वर्षीय अब्दुल्ला कहते हैं जब यहां बाबरी वाला मामला हुआ था तब भी बहुत से लोगों ने यहां का माहौल खराब करने की कोशिश की थी। लेकिन अयोध्या के लोगों के दिल में आपस में जो प्यार-सौहार्द है उसे कोई नहीं खत्म कर सकता। फैसले से यहां न तो कोई बेचैनी है और न ही आने के बाद कोई बेचैनी होने वाली है।

- अयोध्या के चौक इलाके में स्थित गुलाबबाड़ी पार्क में घूमने आए अतीक अहमद के मुताबिक अयोध्या का सौहार्द आजतक कभी नहीं बिगड़ा है आगे भी ऐसे ही रहेगा। पार्क में ही अतीक के साथ बैठ कर बात कर रहे अशोक तिवारी के मुताबिक़ राम मंदिर को लेकर उत्साह जरूर है लोगों के मन में, लेकिन कहीं से यहां इस तरह का कोई मामला नहीं होगा जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की कोई उम्मीद हो।

- राम की पैड़ी के पास टहल रहे संत रघुवीर दास के मुताबिक़ रामलला टेंट में हैं इसे लेकर दुःख तो जरूर है। ईश्वर से प्रार्थना भी करूंगा कि फैसला मंदिर के पक्ष में आए। जहां तक बात यहां के साम्प्रदायिक सौहार्द की है यहां से हमेशा हिन्दू ईद और मुसलमान दुर्गापूजा  मनाते आए हैं। इससे आप  खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के लोगों में आपस में कितना प्रेम है।

पांच जजों की पीठ सुनाएगी फैसला
राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है।  पांच जजों की पीठ ने वर्षों से चले आ रहे इस मामले की सुनवाई 40 दिन में पूरी की है। इस मामले में गठित मध्यस्थता पैनल ने भी सुनवाई खत्म होने के बाद सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी है। अब पूरे देश को कोर्ट के फैसले का इंतजार है।  इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ सुनाएगी। जानकारों का है कि नवंबर के शुरुआत में अयोध्या विवाद पर फैसला आ जाएगा।

सूचना के आधार पर सतर्कता बरतती है पुलिस
इस बारे में डीएसपी अयोध्या अमर सिंह का कहना है ये हमारा रूटीन है। हम वहां फ़ोर्स के साथ गश्त करते हैं। वहां आने वाले श्रद्धालुओं व आम लोगों से बात करते हैं। दुकानदारों से बराबर मिलते रहते हैं इससे वहां की जानकारियां कलेक्ट होती रहती हैं। ऐहतियातन वहां भीड़ को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में फ़ोर्स हमेशा ही तैनात रहती है। मीडिया की खबरों के आधार पर हम उसका फॉलोअप करते हैं। किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए सतर्कता बरती जाती है। 
 

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