ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे जारी रहेगी। इसी के साथ एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग वाली याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सर्वे के मद्देनजर भारी मात्रा में फोर्स भी तैनात है।
वाराणसी: काशी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर दोनों ही पक्ष एक बार फिर से आमने-सामने आ गए। एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका दाखिल की। हालांकि इस पर सुनवाई कर कोर्ट ने कहा कि कमिश्नर को नहीं बदला जाएगा। कोर्ट ने कमिश्नर बदलने की याचिका को खारिज कर दिया है। इसी के सर्वेक्षण के काम को रोकने से भी इंकार कर दिया गया। इस ज्ञानवापी परिसर ने सर्वे के मद्देजनर पुलिस फोर्स और पीएसी की तैनाती की गई है।
कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित
मामले में सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर को लेकर विवाद लगातार चल रहा है। मामले को लेकर मस्जिद में वीडियोग्राफी की टीम पहुंची थी जिसका विरोध मुस्लिम पक्ष की ओर से किया गया था। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मस्जिद के भीतर वीडियोग्राफी का आदेश कोर्ट की ओर से नहीं दिया गया है। इसी के साथ कमिश्नर अजय मिश्रा को लेकर भी सवाल खड़े किए गए थे। उन्हीं को हटाने को लेकर कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया गया था।
क्या है विवाद
18 अगस्त 2021 को शुरू हुए विवाद में वादी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, हनुमान और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। यह सभी प्लाट नंबर 9130 पर मौजूद है जो कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से सटा हुआ ङै। वादी पक्ष के द्वारा मांग की गई कि यहां हिंदुओं को दर्शन पूजन की इजाजत दी जाए। याचिका में मांग की गई कि कमिशन बनाकर कोर्ट मस्जिद परिसर में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को सुनिश्चित करे। इसको लेकर ही कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति कर अदालत ने मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी का आदेश दिया था।