अगर कनिका कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी तो इसकी सूचना जिलाधिकारी या फिर पुलिस कमिश्नर को क्यों नहीं दी गई। यदि ये जानकारी आलाधिकारियों को दी गई होती तो शायद कनिका का समय रहते आइसोलेशन करवाया गया होता और उन्हें किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने से रोका जा सकता था।
लखनऊ(Uttar Pradesh ). बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से दर्ज करवाई गई FIR में खुद स्वास्थ्य महकमा ही फंसता जा रहा है। CMO द्वारा सरोजनी नगर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में भारी गड़बड़ी है। सीएमओ ने एफआईआर में लिखा है कि कनिका को एयरपोर्ट पर ही संक्रमित पाया गया था। उन्हें होम क्वारंटीन रहने के निर्देश दिए गए थे, जबकि एयरपोर्ट पर ऐसा कोई इंतजाम नहीं है जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि की जा सके। दूसरी ओर एक बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि यदि कनिका को संक्रमित पाया गया था जानकारी उच्चाधिकारियों को देकर ट्रीटमेंट क्यों शुरू नहीं कराया गया।
बता दें कि राजधानी लखनऊ में कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य विभाग भी परेशान है। हांलाकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इससे बचाव के तमाम इंतजाम किए गए हैं। पिछले सप्ताह लंदन से लखनऊ लौटी बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कनिका कपूर में भी कोरोना के लक्षण मिले हैं। बताया गया कि कनिका ने अपने लंदन से लौटने की बात किसी को नहीं बताई थी और एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनिंग करने वाली टीम से बच कर निकल गईं थीं। हांलाकि कनिका ने इसका खंडन किया है। दूसरी ओर CMO की ओर से कनिका के खिलाफ लखनऊ के सरोजिनी नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। कनिका के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद प्रशासन के हांथ-पांव फूल गए हैं। दरअसल जिन कार्यक्रमों में कनिका शामिल हुई थीं उसमे 100 से अधिक सेलीब्रिटीज शामिल थे।
FIR में लिखी बातों से फंसता नजर आ रहा स्वास्थ्य महकमा
CMO की ओर से कनिका के खिलाफ लिखावाए गए FIR में स्वास्थ्य महकमा खुद ही फंसता नजर आ रहा है। दरअसल CMO ने FIR में ये लिखवाया है कि कनिका को एयरपोर्ट पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। अब सवाल ये उठता कि जब एयरपोर्ट पर इस तरह का कोई इंतजाम नहीं है कि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट तुरन्त बताई जा सके तो ये कैसे सम्भव हुआ। दूसरा सवाल अगर वह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी तो इसकी सूचना जिलाधिकारी या फिर पुलिस कमिश्नर को क्यों नहीं दी गई। यदि ये जानकारी आलाधिकारियों को दी गई होती तो शायद कनिका का समय रहते आइसोलेशन करवाया गया होता और उन्हें किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने से रोका जा सकता था।
होम क्वारन्टीन में रहने की दी गई थी सलाह
CMO द्वारा लिखाई गई FIR में जिक्र है कि कनिका एयरपोर्ट पर कोरोना पॉजिटिव पाई गईं और उन्हें होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई। अब सवाल ये है कि किसी को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यूं ही कैसे जाने दिया गया उसे आइसोलेट क्यों नहीं करवाया गया। होम क्वारंटीन में रहने की सलाह देकर पल्ला झाड़ क्यों लिया गया। अगर वह उसी वक्त कनिका को आइसोलेट करा देते तो शायद इतना संकट न पैदा होता।