हाईकोर्ट ने DGP से मांगा जवाब, कहा- साइबर अपराध के मामले में कितनी तैयार है UP पुलिस

कोर्ट ने पूछा है कि साइ‌बर क्राइम (Cyber crime) के मामलों की जांच के लिए प्रदेश की पुलिस कितनी तैयार है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि पुलिस को साइबर क्राइम के मामलों की जांच के लिए ट्रेंड ‌करने को किसी विशेषज्ञ संस्था को जिम्मेदारी दी गई है या साइबर अपराधों की जांच में पुलिस आईटी विशेषज्ञों से सलाह लेती है। साथ ही यह सलाह किस तरह ली जाती है।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) में बिजनौर जिले में 15 वर्षीय एक किशोरी की सहेली व उसके भाइयों ने किशोरी का अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया। इतना ही नहीं, किशोरी से आरोपियों ने वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए मोटी रकम वसूली जिसके बाद वीडियो को सोशल मीडिया (social media) पर वायरल कर दिया गया। पीड़िता के पिता की शिकायत पर आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों में दिख रहीं खामियों पर नाराजगी जताते हुए डीजीपी (UP DGP) से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि साइ‌बर क्राइम (Cyber crime) के मामलों की जांच के लिए प्रदेश की पुलिस कितनी तैयार है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि पुलिस को साइबर क्राइम के मामलों की जांच के लिए ट्रेंड ‌करने को किसी विशेषज्ञ संस्था को जिम्मेदारी दी गई है या साइबर अपराधों की जांच में पुलिस आईटी विशेषज्ञों से सलाह लेती है। साथ ही यह सलाह किस तरह ली जाती है।

पुलिस ने कोर्ट में दी मामले से जुड़ी कम जानकारियां
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने एक किशोरी की अश्लील तस्वीरें व वीडियो फेसबुक पर पोस्ट करके उसे बदनाम करने और ब्लैकमेल कर रकम ऐंठने के आरोपी साबू की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान पाया कि पुलिस ने अदालत में जो जानकारी भेजी, उसमें यह नहीं बताया कि किस व्यक्ति ने किशोरी का वीडियो बनाया। जिस डिवाइस से वीडियो बनाया गया, उसे जब्त किया गया या नहीं। उस डिवाइस के बारे में अन्य जानकारियां भी नहीं दी गईं। 

Latest Videos

साइबर अपराध के मामलों में सही जांच नहीं कर रही पुलिस: HC
कोर्ट का कहना है कि किस व्यक्ति ने वीडियो और तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड कीं और उसे किस तरह प्रसारित किया आदि की जानकारी पुलिस ने नहीं दी थी। कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराध के मामलों में यह लगातार देखने में आ रहा है कि पुलिस की ओर से भेजी जा रही जानकारियां पूरी तरह अर्पाप्त हैं। इससे पता चलता है कि साइबर अपराध के मामलों की जांच कर रही पुलिस विवेचना की सही लाइन पकड़ने में सक्षम नहीं है। 

कोर्ट ने कहा कि विवेचकों को साइबर अपराध की जांच की सही ट्रेनिंग नहीं मिल रही है जबकि वर्तमान समय में साइबर अपराध बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इसने कानून व समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। कोर्ट ने डीजीपी को पुलिस को दी जा रही विशेषज्ञ सहायता ट्रेनिंग के बारे में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जानकारी देने का निर्देश दिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला
बिजनौर की 15 वर्षीय एक किशोरी की सहेली व उसके भाइयों साबू, नदीम, मां रुखसाना आदि ने जबरदस्ती उसके अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ बनाए। उसके बाद उसे ब्लैकमेल किया जाने लगा। आरोप है कि उक्त परिवार ने किशोरी से लगभग तीन लाख रुपये ऐंठ लिए और वापस मांगने पर उसकी तस्वीरें व वीडियो फेसबुक पर अपलोड कर दिए। इसके कुछ ‌देर बाद सभी तस्वीरें और वीडियो हटा लिए गए लेकिन इस दौरान वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गये। पीड़िता के पिता की ओर से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun
हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
ऐसा क्या बोले राजनाथ सिंह सभा में लगने लगे 'योगी बाबा' के नारे #Shorts #rajnathsingh