हाई कोर्ट ने लखनऊ में हिंसा पर राज्य सरकार से मांगी दो हफ्ते में रिपोर्ट

शिशिर चतुर्वेदी की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया कि हिंसा में जिन संपत्तियों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हिंसा फैलाने वालों से ही की जाए।
 

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने संज्ञान में लिया है। इस मामले की सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी। इसके लिए 19 दिसंबर को लखनऊ में हुई हिंसा और संपत्ति के नुकसान मामले में राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। 

डीएम करेंगे क्षति का आंकलन
जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने जिलाधिकारी लखनऊ को उपद्रव में हुई क्षति का आंकलन करने को कहा है।

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जनहित याचिका पर लिया संज्ञान
शिशिर चतुर्वेदी की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया कि हिंसा में जिन संपत्तियों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हिंसा फैलाने वालों से ही की जाए।

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