Exclusive: 6 महीने में कितना और कहां पहुंचा राम मंदिर का काम, जानें कैसे हाईटेक बन रही अयोध्या नगरी

एशियानेट न्यूज की टीम ने 6 महीने पहले जब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के काम का जायजा लिया था, तो उस वक्त नींव (फाउंडेशन) का काम तेजी से चल रहा था। तब राम मंदिर का काम जहां 5.5 फीट तक हुआ था, वहीं अब यह 21 फीट तक पहुंच चुका है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में अचानक हुई बारिश ने निर्माण को थोड़ा धीमा जरूर किया है। 

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अब तेज गति से चल रहा है। 2024 तक भव्य राम मंदिर को पूरा करने की उम्मीद में मजदूर यहां चिलचिलाती धूप में काम करते देखे जा सकते हैं। लाखों भक्तों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग दिन-रात काम कर रहे हैं। 6 महीने अप्रैल में एशियानेट न्यूज की टीम जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंची थी, तब राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया था- हमारा प्रयास है कि दिसंबर, 2023 तक गर्भगृह का निर्माण पूरा हो जाए और रामलला इसमें विराजित हो जाएं ताकि लोग दूर से उनके दर्शन कर सकें। 

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साढ़े 5 फीट से 21 फीट तक पहुंच चुका है राम मंदिर :  
6 महीने पहले जब एशियानेट न्यूज की टीम ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया था, तो उस वक्त अप्रैल में अयोध्या में नींव (फाउंडेशन) का काम तेजी से चल रहा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में अचानक हुई बारिश ने निर्माण को थोड़ा धीमा जरूर किया है। लेकिन पिछली बार राम मंदिर का काम जहां 5.5 फीट तक हुआ था, वहीं अब यह 21 फीट तक पहुंच चुका है।  

6.5 मीटर ऊंचे चबूतरे पर बन रहा गर्भगृह : 
राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से पत्थरों को निर्माण स्थल पर लाया गया है। ये पत्थर अब गर्भगृह में लगने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। गर्भगृह की पहली मंजिल का निर्माण लगभग पूरा होने के करीब है। इसका निर्माण ग्रेनाइट पत्थर से 6.5 मीटर ऊंचे चबूतरे पर किया जा रहा है। दूसरी ओर पत्थरों की नक्काशी का काम भी तेजी से चल रहा है। लगभग आधे पत्थर पर नक्काशी हो चुकी है और ये गर्भगृह में लगने के लिए तैयार हैं। 

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खराब मौसम के चलते हुई देरी : 
वहीं राम मंदिर परिसर के चारों ओर रिटेनिंग वॉल बनाई गई है। हालांकि, राम मंदिर परिसर में अन्य भवनों का निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। खराब मौसम के चलते निर्माण कार्य में हुई देरी की भरपाई के लिए एल एंड टी और टाटा कंसल्टिंग की कंस्ट्रक्शन टीम तेजी से काम कर रही है। एशियानेट न्यूज ने मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में और अधिक जानने के लिए राम मंदिर बनाने वाली कंपनियों में से एक लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद कुमार मेहता से बात की। 

सवाल- 6 महीने पहले अयोध्या के दौरे से लेकर अब तक कितना काम हो चुका है?
जवाब - हम तय शेड्यूल के मुताबिक चल रहे हैं। दिसंबर, 2023 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। 6 महीने पहले हम रॉफ्ट लेवल पर थे, लेकिन अब हम 21 फीट ऊंचाई तक काम पूरा कर चुके हैं। डिजाइन का काम भी पूरा हो चुका है। सबसे बड़ी चुनौती प्लिंथ (चबूतरा) बनाने की थी, जो अब पूरी हो चुकी है। इसके लिए दक्षिण भारत में कर्नाटक से 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर मंगवाए गए थे। अब मुख्य मंदिर का काम भी शुरू हो चुका है।

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सवाल- क्या बेमौसम मानसून की वजह से काम में देरी हुई?
जवाब - हम किसी भी तरह की प्राकृतिक बाधाओं के लिए पहले से ही तैयार थे। हम जानते थे कि मौसम परेशान कर सकता है, इसलिए हमने पहले ही सड़कें बना ली थीं। हां, थोड़ी देर जरूर हुई है बारिश के चलते लेकिन हम इसे कवर कर लेंगे। 

सवाल- क्या डिजाइन बनाते वक्त जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखा गया था?
जवाब -
हां बिल्कुल, इसे ध्यान में रखा गया था। यह इलाका भूकंपीय क्षेत्र (सेस्मिक जोन 3) की कैटेगरी में आता है और हमने उसी के मुताबिक इसका डिजाइन तैयार किया है। इसलिए हम मंदिर के डिजाइन के बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हैं। 

सवाल- तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं के बारे में क्या कहेंगे?
जवाब -
तीर्थयात्रियों के लिए कॉम्प्लेक्स का डिजाइन तैयार है। हम इस बात के पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं कि हर दिन साढ़े 3 लाख भक्त यहां आराम से रह सकें। हम इसके लिए मिल-जुलकर प्रयास कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हम दिसंबर, 2023 तक इसे पूरा कर लेंगे। 

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए हो रहा भूमि अधिग्रहण : 
बता दें कि 67 एकड़ में फैले राम मंदिर परिसर के साथ ही अयोध्या में अन्य निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। भव्य राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या को एक अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में पहचान मिलने की उम्मीद है। अयोध्या में अभी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा राम कथा उद्यान सहित शहर के सौंदर्यीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है।

दिसंबर, 2023 तक राम मंदिर बनने की उम्मीद : 
बारिश के चलते अयोध्या पहुंचने वाली सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को संभाल पाने में अभी अयोध्या शहर का विकास अपर्याप्त नजर आ रहा है।हालांकि, शहर में हो रहे विकास कार्यों और बदलावों को देखते हुए यहां की जनता को काफी उम्मीदें हैं। अयोध्या के विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं और उम्मीद है कि आने वाले कुछ समय में रामलला की नगरी एक अलग रूप में नजर आएगी। अयोध्या के रहने वालों के साथ-साथ देश-विदेश के करोड़ों हिंदू दिसंबर, 2023 तक भव्य राम मंदिर बनने की उम्मीद कर रहे हैं। 

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