कानपुर आईआईटी की मदद से अब यूपी पुलिस क्राइम को रोकने की तैयारी में जुट गई है। जिससे साईबर अपराध को रोकने में मदद मिलेगी।
कानपुर: देशभर में लगातार बढ़ते साइबर अपराध के मामलों से लोग परेशान हैं। आए दिन हमारे आसपास के कई लोग साइबर क्राइम के शिकार बन रहे हैं। हालांकि अब यूपी पुलिस ने साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए आईआईटी कानपुर की मदद से एक ऐसा टूल तैयार किया है, जिससे न सिर्फ साइबर अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी, बल्कि ऐसे अपराधियों को भी पकड़ा जा सकेगा।
आईआईटी कानपुर और यूपी पुलिस के बीच हुआ समझौता
दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस और आईआईटी कानपुर के बीच एक समझौता साइन हुआ था। इसके तहत यूपी पुलिस ने आईआईटी के वैज्ञानिकों से एक ऐसा टूल तैयार करने के लिए कहा था, जिसके जरिये साइबर क्राइम पर नकेल कसी जा सके। इसके बाद आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक ने एक ऐसा टूल तैयार कर दिया है। जिसकी मदद से साइबर क्राइम रोकने और अपराधियों को दबोचने में काफी मदद मिलेगी।
दो साल में बनकर तैयार हुआ ये टूल
आईआईटी कानपुर के प्रोफ़ेसर मणीन्द्र अग्रवाल की देखरेख में वैज्ञानिकों की टीम ने 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस टूल को विकसित किया है। इस टूल सिस्टम की मदद से लोगों को यह पता चल जाएगा कि उनके पास बैंक के नाम से आने वाले मैसेज, फोन कॉल, ईमेल और फ्री ऑफर कहां से आ रहे हैं और किस माध्यम से उनका इस्तेमाल हो रहा है। इससे साइबर अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी। इस टूल से डिजिटल ट्रांजैक्शन में होने वाले क्राइम को भी रोक सकेगा। क्योंकि इस समय डिजिटल क्राइम की खबरे बहुत ज़्यादा आ रही है। जिसको रोकने में ये कानपुर आईआईटी द्वारा बनाया गया यूल काफी मददगार साबित होगा। इस टूल में आईआईटी के विशेषज्ञों ने इसमें एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर साइबर सुरक्षा को लेकर सारे सफल प्रयोग किए है और इसकी मदद से यूपी पुलिस को काफी आराम होगी साइबर क्राइम को रोक सकेंगे।