ग्रामीणों ने दो युवकों को ऐसे बनाया भालू, वो इसलिए रोजाना 2 घंटे गांव में लगा रहे दौड़

ग्रामीणों ने पैसे जुटाए और मेकप आर्टिस्ट से 3400 रुपए में भालू की दो पोशाकें खरीदी। गांव के सलीम व राम कुमार भालू की पोशाक पहनकर गांव में घूमते हैं। उन्हें देखकर बंदर कभी पेड़ से कूद जाते हैं तो कभी मकान की छत से कूद कर भाग जा रहे हैं।

Ankur Shukla | Published : Feb 2, 2020 4:52 AM IST / Updated: Feb 02 2020, 10:26 AM IST

शाहजहांपुर (Uttar Pradesh) । बंदरों के आतंक और वन विभाग की अनदेखी से परेशान जलालाबाद तहसील के सिकंदपुर अफगानान गांव के ग्रामीणों ने नया ह‍थकंडा अपना लिया है। गांव के दो युवक सलीम और राम कुमार हर दिन दो-तीन घंटे भालू की भेष में ड्रेस पहनकर गांव में घूमते हैं। जिन्हें देखकर बंदर गांव छोड़कर भागने लगे हैं। ग्रामीणों का दावा है कि, बंदरों की संख्या में काफी कमी आई है। बता दें कि पांच हजार आबादी वाले गांव इस गांव में करीब 10 हजार बंदर हैं, जो अब तक करीब सैकड़ों बच्चों पर हमलाकर उन्हें घायल कर चुके हैं।

इसलिए अपनाया ये तरीका
ग्रामीणों को कहीं से जानकारी हुई कि भालू से बंदर डरते हैं। जिस पर ग्रामीणों ने प्रयोग के तौर पर नकली भालू बनकर बंदरों को डराने का निर्णय लिया। इसके ग्रामीणों ने गांव में ही रहने वाले मेवाराम की मदद ली। पूर्व प्रधान अशोक ने बताया कि ग्रामीणों ने पैसे जुटाए और मेकप आर्टिस्ट से 3400 रुपए में भालू की दो पोशाकें खरीदी। गांव के सलीम व राम कुमार भालू की पोशाक पहनकर गांव में घूमते हैं। उन्हें देखकर बंदर कभी पेड़ से कूद जाते हैं तो कभी मकान की छत से कूद कर भाग जा रहे हैं।

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हर बंदर पर 200 रूपए तक दे रहे थे ग्रामीण
ग्राम प्रधान रामलड़ैते मिश्र ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी तो उन्होंने प्रति बंदर तीन सौ रुपये मांगे थे। हमने दो सौ रुपये देने की बात कही थी, लेकिन वह राजी नहीं हुए। इसलिए भालू की ड्रेस मंगवाई है। 

कुत्ते काटने की करते हैं कोशिश
भालू बनकर गांव में घूमने वाले सलीम ने कहा बंदर तो गांव छोड़ कर धीरे-धीरे भाग रहे हैं, लेकिन गांव के कुत्ते भौंकने लगते हैं। काटने की कोशिश भी करते हैं। वहीं राम कुमार ने कहा कि खाना बनाते और खाना खाते समय परिवार के लोग लाठी डंडा लेकर बंदरों को भगाते नजर आते हैं। इसलिए हमलोगों ने ऐसा करने का निर्णय लिया। 

अब ये तैयारी कर रहा वन विभाग
उप-विभागीय वन अधिकारी एमएन सिंह ने कहा कि वह जल्द ही सिकंदरपुर गांव का दौरा करेंगे और जांच करेंगे कि क्या यह भालू की चाल वास्तव में काम कर रही है और अन्य गांवों में भी इसी तरह की कार्रवाई का सुझाव देगी।

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