वाटर मैनेजमेंट के मामले में देश का नंबर एक राज्य बना उत्तर प्रदेश, राष्ट्रपति ने दिया पुरस्कार

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड में जल संचयन के साथ ही साथ सिंचाई के लिए नहरों का काफी बेहतर प्रयोग किया। नदियों की सफाई पर ध्यान देने के साथ ही बाढ़ नियंत्रण पर भी काम किया गया। उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से बेकार पड़ी सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं के काम को गति दी गई। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2022 7:46 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार को जल शक्ति विभाग में काम के लिए  देश के नंबर एक राज्य का पुरस्कार मिला है। सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथ से पुरस्कार प्राप्त किया है। बता दे वाटर मैनेजमेंट के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को यह सम्मान दिया गया है। 

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने लिया पुरस्कार
सोमवार शाम को विभाग के बंटवारे में स्वतंत्रदेव सिंह को जल शक्ति विभाग मिला था। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रपति के हाथों इस पुरस्कार को प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड में जल संचयन के साथ ही साथ सिंचाई के लिए नहरों का काफी बेहतर प्रयोग किया। नदियों की सफाई पर ध्यान देने के साथ ही बाढ़ नियंत्रण पर भी काम किया गया। उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से बेकार पड़ी सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं के काम को गति दी गई। जिससे की बड़ी आबादी को लाभ मिला है। किसानों को भी फसलों को सींचने में काफी सुविधा मिली है।

सीवेज ट्रीटमेंट पर काम जारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्षा के जल के संचयन को लेकर भी काफी सजगता पेश की है। आवासीय के साथ ही कई महानगरों में सरकारी कार्यालयों में भी वर्षा जल संचयन को लेकर काफी काम किया गया है। बुंदेलखंड में घर-घर पेयजल सुविधा से भी बड़ी आबादी को लाभ मिला है। प्रदेश में सीवेज ट्रीटमेंट पर भी काफी काम हो रहा है। कानपुर के बाद प्रयागराज, वाराणसी, आगरा तथा लखनऊ में भी नदियों में नाले का पानी जाने से रोकने की व्यवस्था करने के साथ उस पानी को सिंचाई में उपयोग के लायक बनाने पर जोर है।

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