सार
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद विभाग के बंटवारों में सबसे मजबूत नजर आए। जीतिन प्रसाद को लोक निर्माण यानी PWD विभाग दिया गया है। यह विभाग सपा सरकार में शिवपाल यादव और पिछली योगी सरकार में केशव प्रसाद मौर्य के पास था। वहीं जितिन प्रसाद के पास पिछली सरकार में प्राविधिक शिक्षा विभाग था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया है। उन्होंने गृह और राजस्व समेत 34 विभागों को अपने पास रखा है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम विकास एवं समग्र विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का मंत्री बनाया गया है।
इन सबके बीच कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद विभाग के बंटवारों में सबसे मजबूत नजर आए। जीतिन प्रसाद को लोक निर्माण यानी PWD विभाग दिया गया है। यह विभाग सपा सरकार में शिवपाल यादव और पिछली योगी सरकार में केशव प्रसाद मौर्य के पास था। वहीं जितिन प्रसाद के पास पिछली सरकार में प्राविधिक शिक्षा विभाग था।
भविष्य में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
जितिन प्रसाद ब्राह्मण चेहरा होने के साथ-साथ साफ सुथरी छवि के नेता भी है। माना जा रहा है भविष्य में उनको डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मिल सकती है। पिछली योगी सरकार में यह विभाग केशव प्रसाद मौर्य के पास था। तब टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी करने के लिए तमाम प्रक्रियाएं अपनाई गईं, तब भी आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे, इसीलिए इस बेहद महत्चपूर्ण पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी जितिन को दी गई, क्योंकि केंद्र में भी मंत्री रहने के दौरान उनके पास कई महत्वपूर्ण मंत्रालय रहे, लेकिन कभी किसी का आरोप प्रत्यारोप उन पर नहीं रहा। पीडब्ल्यूडी जितिन को दिया जाना, भविष्य का बड़ा संदेश भी है, जिसे राजनीतिक समझ के लोग बाखूबी जानते भी हैं।
कांग्रस छोड़ भाजपा में हुए शामिल
जितिन प्रसाद पिछले साल ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद योगी की पिछली सरकार के अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार में जितिन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। जितिन प्रसाद सबसे पहले शाहजहांपुर से चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने धौरहरा सीट से चुनाव लड़ाया था। जितिन प्रसाद धौरहरा, कस्ता, मोहम्मदी, महोली और हरगांव विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। राजनीति के लिहाज से जितिन इन्हीं क्षेत्रो में काम करते रहे हैं। लेकिन ब्राह्मण होने के नाते उनके नाम का प्रभाव अवध के बड़े क्षेत्र और पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों पर भी है।
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