निजी सोसायटी की गलियों में सफाई के लिए निकाय अब शुल्क लेंगे। इसके लिए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को निकायों में पहले प्रार्थना पत्र देना होगा। भवन स्वामियों को सफाई वाले स्थानों पर जाने की व्यवस्था करानी होगी।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । अब सिंगापुर की तर्ज पर यूपी सरकार ने भी स्वच्छता को लेकर एक्शन लिया है। इसके लिए गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने जा रही है। हालांकि जुर्माना लगाने का मकसद लोगों में सफाई की आदत डालना और शहर को साफ-सुथरा रखना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ठ (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली-2021 को जल्द कैबिनेट से पास कराने की तैयारी है। नगर विकास विभाग ने इस पर लोगों से राय और सुझाव मांगे हैं। इसके मुताबिक गाड़ी चलाते समय अगर थूका या फिर कोई सामन फेंक कर गंदगी फैलाई तो बड़े शहरों में 1000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। बताते हैं कि एक अनुमान के मुताबिक सिंगापुर हर साल करीब 300 सिंगापुर डॉलर यानी 217 अमेरिकी डॉलर के बराबर जुर्माने वसूलता है।
फेरीवालों को करना होगा ये काम
फेरी या फिर पटरी पर दुकान लगाने वाले इधर-उधर गंदगी नहीं फेंक पाएंगे। उन्हें निकलने वाली गंदगी को रखने के लिए बंद डिब्बा अपने पास रखना होगा। इसमें ही उन्हें कूड़े को एकत्र करना होगा और निकाय की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को देना होगा।
सामूहिक आयोजन के बाद करानी होगी सफाई
शहरों में ऐसे सामूहिक आयोजन जिसमें 100 से अधिक लोग शामिल हुए हैं और कार्यक्रम खत्म होने के बाद सफाई नहीं कराई है, तो आयोजकों को जुर्माना भरना होगा। जुर्माने की यह राशि क्षेत्रफल, कचरे और के हिसाब से तय की जाएगी।
कॉलोनी वालों की होंगी ये जिम्मेदारी
खुले में नाले और नालियों में कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध होगा। इसे साफ रखने का दायित्व कालोनी वालों का होगा। हाउसिंग सोसायटियों के अंदर की गलियों को रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी वालों को साफ कराना होगा और इससे निकलने वाली गंदगी को एक स्थान पर रखना होगा और उसे निकाय की कूड़ा गाड़ियों को देना होगा।
सफाई के लिए देना होगा शुल्क
निजी सोसायटी की गलियों में सफाई के लिए निकाय अब शुल्क लेंगे। इसके लिए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को निकायों में पहले प्रार्थना पत्र देना होगा। भवन स्वामियों को सफाई वाले स्थानों पर जाने की व्यवस्था करानी होगी।