इनकम टैक्स (IT) ने पूर्व IAS अफसर नेतराम के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई संदिग्ध चीजें मिली हैं। बता दें, इसी साल मार्च में आईटी ने इस अफसर के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनके खिलाफ रिश्तेदारों के नाम फर्जी कंपनियां बनाकर उसमें निवेश करने का भी आरोप है।
लखनऊ (Uttar Pradesh). इनकम टैक्स (IT) ने पूर्व IAS अफसर नेतराम के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई संदिग्ध चीजें मिली हैं। सूत्रों की मानें तो इस अफसर के पास करीब 225 करोड़ रुपए की बेनामी सम्पत्ति मिली है, जिसे जब्त कर लिया गया है। बता दें, इसी साल मार्च में आईटी ने इस अफसर के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनके खिलाफ रिश्तेदारों के नाम फर्जी कंपनियां बनाकर उसमें निवेश करने का भी आरोप है। बता दें, साल 2007 से 2012 तक यूपी में रही मायावती सरकार में नेतराम को पॉवरफुल अफसर माना जाता था।
जानें कौन हैं नेतराम
ये 2007 से 2012 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव रहे। इसके आलावा भी उन्हें कई विभागों का प्रमुख सचिव बनाया गया था। नेतराम का प्रभाव इतना था कि प्रमुख सचिव रहने के दौरान उनसे मिलने के लिए बड़े-बड़े नेताओं को भी अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। 2003-05 के दौरान उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। यूपी में आबकारी, गन्ना उद्योग विभाग, डाक एवं पंजीकरण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों के प्रमुख की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
ये सम्पत्तियां IT ने की जब्त
रिटायर्ड आईएएस अफसर नेतराम के विभिन्न ठिकानों पर आयकर विभाग ने बीते मार्च माह में पहली बार छापेमारी की थी। इसके बाद से उन पर IT ने धीरे-धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया। छापे में उनके यहां 1.64 करोड़ रुपये कैश, 50 लाख रुपए के पेन, चार एसयूवी कारें जब्त की गईं। यही नहीं, जिन बेनामी सम्पत्तियों की कीमत कागज में 100 करोड़ दिखाई गई थी, उसकी वस्तविक कीमत 225 करोड़ रुपये है। IT की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ।
30 फर्जी कंपनियों के नाम पर किया गया निवेश
1979 बैच के इस अफसर और उनके सहयोगियों ने तकरीबन 30 फर्जी कंपनियों के नाम पर निवेश किया था। ये निवेश ज्यादातर नोटबंदी के समय किया गया था। जिन कंपनियों के नाम निवेश किया गया है उसमे ज्यादातर प्रविष्टियां फर्जी पाई गयी है। सूत्रों की माने तो मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में खरीदी गई इन संपत्तियों को अब जब्त किया जा रहा है। IT की छापेमारी में दिल्ली (केजी मार्ग और जीके-1) और मुंबई (चरनी रोड और हुगेस रोड) के पॉश इलाकों में छह संपत्तियों व कोलकाता के तीन घरों का पता चला है।
लोकसभा चुनाव में बसपा से की थी टिकट की दावेदारी
बसपा शासनकाल में इनके कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कैबिनेट मंत्रियों को भी उनसे पूछकर मायावती से मिलने की इजाजत मिलती थी। नेतराम लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की दावेदारी भी कर रहे थे।