अस्पताल ने प्रेग्नेंट औरत को भर्ती नहीं किया, सड़क पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया; मौत

अस्पताल की स्टाफ नर्स ने महिला का इलाज करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद महिला का पति उसे लेकर दूसरे अस्पताल जा ही रहा था कि महिला ने ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। लेकिन इलाज की समुचित व्यवस्था न होने के कारण नवजात की मौत हो गई। 

Asianet News Hindi | Published : May 5, 2020 2:26 PM IST

चित्रकूट(Uttar Pradesh). यूपी के चित्रकूट में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। यहां अस्पताल कर्मचारियों द्वारा एक प्रेग्नेंट महिला को इसलिए अस्पताल में भर्ती नही किया गया क्योंकि उसके पति ने कुछ दिन पहले अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही की शिकायत अफसरों से की थी। इस बात से नाराज अस्पताल की स्टाफ नर्स ने महिला का इलाज करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद महिला का पति उसे लेकर दूसरे अस्पताल जा ही रहा था कि महिला ने ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। लेकिन इलाज की समुचित व्यवस्था न होने के कारण नवजात की मौत हो गई। 

चित्रकूट जिले के तरौहां निवासी ओमप्रकाश के मुताबिक बीते 22 अप्रैल को वह प्रसव पीड़ा के बाद पत्नी को लेकर अस्पताल गया था। लेकिन वहां के स्टाफ ने उसका इलाज करने से इंकार कर दिया। जब उसने इसका कारण पूंछा तो उससे कहा गया कि बेड खाली नही है। उसने सीएमएस से भी मदद मांगी। जिसके बाद अस्पताल स्टाफ और नाराज हो गया और इलाज नही किया गया। जिसके बाद ओमप्रकाश पत्नी को लेकर दूसरे अस्पताल जाने के लिए निकला। लेकिन उसके पत्नी ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। उचित इलाज ने मिलने के कारण कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। इसकी शिकायत उसने अफसरों से की थी लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई।

आए दिन अस्पताल में होती है ऐसी घटनाएं 
चित्रकूट के तरौहां गांव के ही रहने वाले संतकुमार ने सोमवार को जिलाधिकारी को लिखे पत्र में बताया कि बीते 22 अप्रैल को ही गर्भवती पत्नी मंजू देवी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल ले गया। उसका आरोप है कि स्टाफ नर्स ने करीब एक घंटे तक टालमटोल किया। इस दौरान पत्नी दर्द से कराहती रही। इस पर उसने सीएमएस को मामले की जानकारी दी तो उन्होंने स्टाफ नर्स को फटकार लगाते हुए भर्ती कराकर जांच आदि कराई। 28 अप्रैल को गर्भवती पत्नी को फिर दर्द होने पर चिकित्सालय पहुंचा। जहां स्टाफ नर्स ने कहा कि पहले सीएमएस से शिकायत की थी इसलिए भर्ती नहीं करेंगे। पहले सीएमएस व डाक्टर को बुलाकर लाओ। मिन्नतें करने पर पत्नी को भर्ती कर लिया। संतलाल का आरोप है कि कुछ देर बाद नर्स गर्भवती पत्नी को अंदर ले गई और वापस आकर बताया कि बच्चे की मौत हो गई है। पत्नी की जान बचाना है तो बाहर ले जाओ। पति ने बताया कि जांच में जच्चा और बच्चा दोनो पूरी तरह स्वस्थ्य थे। शिकायत करने के चलते स्टाफ नर्स ने लापरवाही की है। जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई।

आरोपी स्टाफ पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग 
ओमप्रकाश व संतलाल का कहना है कि उनके बच्चे अस्पताल स्टाफ की वजह से मरे हैं . इसलिए उनके खिलाफ नवजात की हत्या करने का मामला दर्ज किया जाए। इस मामले में  सीएमएस डा.आरके गुप्ता ने बताया कि इस मामले को संज्ञान में लेकर संबधित स्टाफ से पूरी पूछताछ की जाएगी। दोषी होने पर कार्रवाई होगी।
 

Share this article
click me!