
सुमित शर्मा
कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election) में सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे को परास्त करने की योजना बना रही हैं। कानपुर की कैंट विधानसभा सीट में एआईएमआईएम (AIMIM) की एंट्री होने से चुनावी मुकाबला बड़ा ही रोचक हो गया है। दरअसल कैंट विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य सीट है। इस सीट पर कांग्रेस (Congress), एसपी (SP), बीएसपी (BSP) और एआईएमआईएम (AIMIM) ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं बीजेपी (BJP) ने एक बार फिर से रघुनंदन भदौरिया पर भरोसा जताया है। कैंट सीट पर मुस्लिम वोटर बटता है, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलने वाला है।
कानपुर की कैंट विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य सीट है। कैंट सीट का मुकाबला बड़ा ही रोचक होने वाला है। कैंट सीट पर बीजेपी को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियों ने मुस्लिम कैंडिडेट को उतारा है। एसपी ने मो. हसन रूमी, कांग्रेस ने वर्तमान विधायक सोहेल असांरी, बीएसपी ने मो. सफी खान, आप ने राशिद जमाल और एआईएमआईएम ने मोइनुद्दीन को चुनावी मैदान में उतारा है। सिर्फ भाजपा ने यहां से हिंदू कार्ड खेला है। बीजेपी इस बात को जानती है कि मुस्लिम वोटर बटेगा, जिसका फायदा बीजेपी को होगा।
विधानसभा चुनाव 2017 के आकड़े
विधानसभा चुनाव 2017 में कैंट सीट पर कांग्रेस के सोहेल अंसारी ने शानदार जीत दर्ज की थी। कांग्रेस प्रत्याशी सोहेल अंसारी ने बीजेपी के रघुनंदन भदौरियों को 9,364 वोटों से हराया था। कांग्रेस के सोहेल अंसारी को 81,169 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के रघुनंदन भदौरिया को 71,805 वोट हासिल किए थे। जबकि बीजेपी के रघुनंदन भदौरिया ने 2012 के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी।
एआईएमआईएम ने बढ़ाया जनाधार
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर की मुस्लिम बाहुल्य तीन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें आर्यनगर, कैंट और सीसामऊ विधानसभा सीटें शामिल हैं। सीसामऊ सीट से एआईएमआईएम प्रत्याशी दिलदार गाजी का नामांकन निरस्त कर दिया था। एआईएमआईएम पार्टी ने अब दोगुनी ताकत से आर्यनगर और कैंट विधानसभा सीट पर फोकस कर रही हैं। एआईएमआईएम पिछले कई वर्षों से कैंट सीट पर अपना जनाधार बढ़ाने में जुटी है। एआईएमआईएम की महिला विंग ने डोर टू डोर जाकर महिलाओं और युवतियों को संगठन से जोड़ने का काम किया है।
कैंट विधानसभा सीट पर जातिगत आकड़ा
कैंट विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। कैंट में मुस्लिम वोटरों की संख्या 125200 है। अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या 87,100 है। जाटव 38,000, वाल्मीकी 17,500, दिवाकर 7500, कोरी 7200, पासी 5200, कठेरिया 5200। पिछड़ा जाति के लगभग 46,100 वोटर हैं। जिसमें से निषाद 8900, पाल 7800, यादव 7500, बढ़ई 4800, कुशवाहा 4500, लोधी 3800, लोनिया 3700, कुर्मी 2200, प्रजापति 2900 हैं। सर्वण वोटरों की संख्या 64,600 के लगभग है। जिसमें ब्राह्मण 45,500, क्षत्रीय 9000, वैश्य 8900, कायस्थ 1200 है। सिंधी पंजाबी वोटरों की संख्या 7200 है।
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