Inside Story: भाजपा ने बागियों को लुभाने के लिए बनाई खास रणनीति, इस तरह घर जा कर मनाए जा रहे नेता

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट के उन दावेदारों को भाजपा उनके घर जाकर मना रही है, जो असंतुष्ट हुए हैं और उनसे पार्टी को बगावत की संभावना है। असंतुष्टों का मनाने की जिम्मेदारी ब्रज क्षेत्र में सह संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह को दी गई है।

राजीव शर्मा
बरेली:
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता पूरन लाल लोधी मीरगंज विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक डॉ.डीसी वर्मा को ही फिर से टिकट दे दिया तो इससे खफा पूरनलाल लोधी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। नतीजतन, अगले ही दिन ब्रज क्षेत्र में भाजपा के सह संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह पार्टी के जिलाध्यक्ष को लेकर उनके घर पहुंच गए और मनाया। पूरनलाल लोधी ने खुद को पार्टी का सिपाही बताते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान वापस ले लिया। सिर्फ पूरन लाल लोधी ही नहीं, भाजपा में टिकट के जो दावेदार प्रत्याशी न बनाए जाने से खफा नजर आए, उनसे बगावत की आशंका देख भाजपा ने उन्हें मनाने की कोशिश-कवायद शुरू कर दी।

ऐसे लोगों से पार्टी के दिग्गज नेताओं ने न सिर्फ खुद बातचीत की बल्कि अपनी स्थानीय इकाई के लोगों को भी इन नेताओं के घर भेजा। बरेली में बिथरी चैनपुर से टिकट न पाने वाले मौजूदा विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल भी इनमें प्रमुख हैं। असल में, भाजपा चुनाव में बगावत की आशंका वाले अपने नेताओं पर खास नजर रखे हुए है। ब्रज क्षेत्र, जो भाजपा का गढ़ है, वहां गावत करने की आशंका वाले नेताओं को साधने की जिम्मेदारी कर्मवीर सिंह को दी गई है। 

Latest Videos

इन्हें मनाने में नाकामयाब रही बीजेपी
हालांकि कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनको साध पाने में कर्मवीर सिंह की टीम भी कामयाब नहीं हो सकी। इनमें भोजीपुरा से टिकट के दावेदार रहे ब्लॉक प्रमुख योगेश पटेल और बिथरी चैनपुर से टिकट की दावेदार रहीं पार्टी की महिला मोर्चा की मंत्री अल्का सिंह प्रमुख हैं। मौजूदा विधायक बहोरन लाल मौर्य को टिकट दिए जाने से खफा योगेश पटेल ने बसपा का दामन थाम लिया और उसके प्रत्याशी बन गए। अल्का सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली और माना जा रहा है कि वह कांग्रेस से बिथरी चैनपुर में प्रत्याशी हो सकती हैं। अलबत्ता, अंदरखाने भाजपा को चुप बैठे असंतुष्टों से चुनाव में भरपूर समर्थन और सहयोग न मिलने की आशंका भी नजर आ रही है। ऐसे में, पार्टी बेहद सतर्कता है और सो असंतुष्टों पर लगातार नजर रखे हुए है।

असल में टिकट वितरण के बाद भाजपा में असंतोष के गहरे स्वर सुनने को मिल रहे हैं। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि पार्टी ने जमीन से जुड़े और काफी समय से क्षेत्र में काम कर रहे अपने नेताओं को नजरंदाज करके ऐसे मौजूदा विधायकों को भी टिकट दे दिया जिनकी ग्राउंड रिपोर्ट उत्साहजनक नहीं थी। ऐसे मामलों में पार्टी को लगातार रिपोर्ट भी जा रही थी लेकिन हाईकमान ने जातिगत समीकरण पर नजर रखते हुए और मौजूदा विधायकों पर ही दांव लगाने के चलते किसी और चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने का रिस्क लेना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि समझ में यह भी आ रहा है कि स्थानीय क्षत्रपों की भी टिकट दिलाने में खास भूमिका रही। नतीजतन बाकी दावेदार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसको देखते हुए ही पार्टी सब पर नजर रखने की मजबूत रणनीति अपनाए हुए है।
 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की केजरीवाल सरकार के खिलाफ चार्जशीट
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025